Tose Nainaa Milaai Ke Spoiler: देव नारायण ने किया कुहू का अपमान, पिता पर फूटा राजीव का गुस्सा

Tose Nainaa Milaai Ke Full Episode 83: देव नारायण के चोरी हुए सोने के सिक्के, कुहू पर लगा इल्जाम।
Tose Nainaa Milaai Ke Spoiler: देव नारायण ने किया का कुहू अपमान, पिता पर फूटा राजीव का गुस्सा 37420

Tose Nainaa Milaai Ke Full Episode 83: दंगल टीवी (Dangal Tv) के लोकप्रिय धारावाहिक तोसे नैना मिलाई के (Tose Nainaa Milaai Ke) में दिलचस्प ड्रामे की एंट्री हुई है। शो में आप सभी ने अब तक देखा कि देखा कि अवधेश की रिहाई से सभी घर वाले खुश रहते है। देव नारायण फैसला करता है, कि वह विशेष अतिथि बुलाकर उनका सम्मान करेगा और उन्हें खाना खिलाएगा। वह बुआ के जरिए कुहू से पूछता है, कि भंडारे में 21 लोग शामिल होने वाले है, उनके लिए खाना बन पाएंगा क्या? इस बात पर कुहू जल्दी से राजी हो जाती है और खाना बनाने की तैयारीयों में जुट जाती है। मगर हंसिका इस बात से नाखुश है, कि कुहू सभी की तारीफ बटोर रही है। जल्दी ही देव नारायण अपनी बहन को 21 सोने के गिन्निया देता है, जिसे उसे दान करना है। वह अपनी बहन को यह कहकर देता है, कि इसे संभाल कर रखो और भंडारे के दिन मांगने पर देना। लेकिन, अब ऐसा लग रहा है, कि हंसिका कुहू के लिए कोई चाल चलेगी। बुआ जी और कुहू साथ में जाकर सिक्को को तिज़ोरी में रख देते है, जिसे हंसिका देख लेती है। थोड़ी ही देर में, देव नारायण उन गिन्नियों कि मांग करता है। बुआ जी और कुहू जब उन गिन्नियों को तिजोरी में से बाहर निकालने जाते है, तो वह उन्हें वहां नहीं मिलता है। बुआ और कुहू इस बात से परेशान है, कि आखिर अब देव नारायण को क्या जवाब दे?

अब आने वाले एपिसोड में, आप सभी देखेंगे कि देव नारायण को पता चल जाता है, कि सोने के सिक्के गायब हो गए है। वह इसका कसूरवार कुहू को घोषित करता है और उसपर भड़क जाता है। वह इस बात से परेशान है, कि बाहर बैठे अतिथियों को अब वह क्या भेंट करेगा। देव नारायण कुहू का अपमान करते हुए कहता है, कि अपने बदन के सारे जेवरात उतारकर बाहर बैठे लोगो को देदो। इस बात को सुनकर राजीव भड़क जाता है और वह देव से कहता है, कि आप सिर्फ कुहू का अपमान कर रहे है। आप अतिथियों को नगद देकर भी अपनी इज्जत बचा सकते है। इसके अलावा वह अपने पिता को बहुत जलील भी करता है।

अब देखना यह दिलचस्प होगा कि राजीव कुहू के लिए सारे हद पार करेगा? आपको क्या लगता? हमें अपनी राय नीचे कमेंट सेक्शन में बताए और अधिक अपडेट पाने के लिए बने रहे हमारे साथ।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।