Purnima: वत्सला ने धुव्र के हाथों करवाया सिद्धार्थ का अंतिम संस्कार

Purnima Full Episode 128: वत्सला ने धुव्र के हाथों करवाया सिद्धार्थ का अंतिम संस्कार।
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Purnima Full Episode 123: दंगल टीवी (Dangal Tv) के लोकप्रिय धारावाहिक पूर्णिमा (Purnima) में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिल रहा है। शो में आप सभी देखेंगे की वत्सला अपने चाल की शुरुआत करते हुए सिद्धार्थ को कॉल करती है और ध्रुव से कहती हैं, कि उसका आशिक़ उसके बच्चे को गिराने के लिए कह रहा है। धुव्र कॉल पर सिद्धार्थ को अनजाने में गाली देता रहता है, जिसे पूर्णिमा और सिद्धार्थ सुनते हैं। फोन कट होने के बाद सिद्धार्थ इस बात से परेशान होता है, कि अगर धुव्र के आगे वत्सला के कोख में पल रहे बच्चे की सच्चाई सामने आ गई तो क्या होगा? इसके अलावा इन सबका कसूरवार खुद को घोषित करता है और पूर्णिमा के गले लग कर रोने लगता है। पूर्णिमा सिद्धार्थ को समझाती है और उसे शांत करवाती है। मंजू वत्सला की गोद भराई की रस्म की तैयारियां करती हैं, जिसे पूर्णिमा देखती है और वत्सला को अपने जीवन में आगे बढ़ने की सलाह देती है।

इसके अलावा सिद्धार्थ भी वत्सला की जीवन में आगे बढ़ने की सलाह देती हैं। जल्दी ही वत्सला और धुव्र मिलते हैं, जिसके बाद वत्सला अपनी चाल चलते हुए धुव्र से कहती हैं, कि वह अपने अतीत को भुला नहीं पा रही है। साथ ही वह उसे यह भी कहती हैं, कि उसकी इच्छा है कि वह उसका पुतला जलाकर उसकी यादों को खत्म कर दे। थोड़ी देर बाद वत्सला को रस्म के लिए बैठाया जाता है और सभी लोग धुव्र की खोज करते हैं। जल्दी ही धुव्र अपने हाथ में एक पुतला लेकर और अंतिम संस्कार का सामना लेकर घर में घुसता है। वह पुतले की अर्थी सजाता है और पंडित को विधि शुरू करने के लिए कहता है, जिसे देखकर सभी परेशान हो जाते हैं। जल्दी ही वत्सला यह सब रोक देती है और धुव्र से कहती हैं, कि जब तक पुतले पर तस्वीर नहीं लगेगी, था तक अंतिम संस्कार की विधि पूरी नहीं होगी। वत्सला अपने कमरे में जाती है और सिद्धार्थ की तस्वीर बाहर लेकर आती है।

हे भगवान! क्या सिद्धार्थ और वत्सला का अतीत आएगा धुव्र के आगे? आपको क्या लगता है? हमें अपनी राय नीचे कमेंट सेक्शन में बताए और अधिक अपडेट पाने के लिए बने रहे हमारे साथ।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।