Purnima: धुव्र को पता चली सिद्धार्थ- वत्सला के रिश्ते की सच्चाई, दोनों भाइयों में हुई लड़ाई

Purnima Full Episode 129: धुव्र को पता चली सिद्धार्थ- वत्सला के रिश्ते की सच्चाई।
Purnima: धुव्र को पता चली सिद्धार्थ- वत्सला के रिश्ते की सच्चाई, दोनों भाइयों में हुई लड़ाई 40227

Purnima Full Episode 129: दंगल टीवी (Dangal Tv) के लोकप्रिय धारावाहिक पूर्णिमा (Purnima) में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिल रहा है। शो में आप सभी ने अब तक देखा कि सिद्धार्थ वत्सला को जीवन में आगे बढ़ने की सलाह देता हैं। जल्दी ही वत्सला और धुव्र मिलते हैं, जिसके बाद वत्सला अपनी चाल चलते हुए धुव्र से कहती हैं, कि वह अपने अतीत को भुला नहीं पा रही है। साथ ही वह उसे यह भी कहती हैं, कि उसकी इच्छा है कि वह उसका पुतला जलाकर उसकी यादों को खत्म कर दे। थोड़ी देर बाद वत्सला को रस्म के लिए बैठाया जाता है और सभी लोग धुव्र की खोज करते हैं। जल्दी ही धुव्र अपने हाथ में एक पुतला लेकर और अंतिम संस्कार का सामना लेकर घर में घुसता है। वह पुतले की अर्थी सजाता है और पंडित को विधि शुरू करने के लिए कहता है, जिसे देखकर सभी परेशान हो जाते हैं। जल्दी ही वत्सला यह सब रोक देती है और धुव्र से कहती हैं, कि जब तक पुतले पर तस्वीर नहीं लगेगी, था तक अंतिम संस्कार की विधि पूरी नहीं होगी। वत्सला अपने कमरे में जाती है और सिद्धार्थ की तस्वीर बाहर लेकर आती है।

अब आने वाले एपिसोड में, आप सभी देखेंगे कि वत्सला सिद्धार्थ की तस्वीर को उल्टकर पुतले से लगा देती हैं, जिसे धुव्र देख नहीं पाता है। जबकि सभी घर वाले इस अंतिम संस्कार से परेशान है। सभी लोग मिलकर धुव्र को खूब समझाते हैं, मगर धुव्र नहीं समझता है। पूर्णिमा धुव्र से वह पुतला छीन लेती है और उसे ऐसा करने से मना करती है। लेकिन, धुव्र पूर्णिमा से भी झगड़ा कर लेता है, जिसे देखकर दरोगा को गुस्सा आ जाता है। वह धुव्र को समझाने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह वत्सला के मोह में किसी की भी बातो को नहीं सुनता है। जल्दी ही धुव्र अनजाने में, सिद्धार्थ को गाली देना शुरू करता है और ढेर सारे अपशब्द कहता है, जिसे सुनकर दरोगा जी भड़क जाते हैं और वह धुव्र की तमाचा जड़ते हुए कहते हैं, कि वह कोई और नहीं बल्कि तुम्हारा भाई सिद्धार्थ है। यह सब सुनने के बाद धुव्र के होश उड़ जाते हैं, जिसके बाद वह सिद्धार्थ से इस बारे में सवाल करता है। सिद्धार्थ के जवाब मिलने से वह चीड़ जाता है और उसका कॉलर पकड़ लेता है। धुव्र का मानना है, कि सिद्धार्थ ने पूर्णिमा को धोका दिया है। वत्सला यह सब देखकर खुश होती है और अपने आगे की चाल की तैयारी करती है।

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विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।