Nath Krishna Aur Gauri Ki Kahani Upcoming twist: जीत की मौत से बौखलाई कृष्णा, गोपिका और शिव का बुरा हाल

Nath Krishna Aur Gauri Ki Kahani Episode 1024 Spoiler: दंगल चैनल का लोकप्रिय धारावाहिक नथ कृष्णा और गौरी की कहानी में बेहद लाजवाब ड्रामा देखने को मिल रहा है, जहां जीत की मौत हो गई है।
Nath Krishna Aur Gauri Ki Kahani Upcoming twist: जीत की मौत से बौखलाई कृष्णा, गोपिका और शिव का बुरा हाल 51271

Nath Krishna Aur Gauri Ki Kahani 22 August 2024: दंगल चैनल के लोकप्रिय धारावाहिक नथ कृष्णा और गौरी की कहानी में बेहद लाजवाब ड्रामे की एंट्री हुई है, जहां शिव और जीत को बचाने के लिए कृष्णा गौरी के अड्डे पर पहुंच जाती हैं। हालांकि, शिव अभी-भी गौरी के वश में है और अब गौरी ने फैसला किया है, कि वह शिव के साथ अग्निकुंड में कूद जाएगी। लेकिन, कृष्णा गौरी की आंखो में धूल झोंक-कर जीत के पास जाती है। जबकि गौरी जैसे-तैसे कर शिव को अपने साथ गाड़ी में लेकर फरार हो जाती है। कृष्णा और जीत भी गोपिका को अपने साथ लेकर गौरी का पीछा करते हैं। थोड़ी दूर जाने के बाद गौरी की गाड़ी का टायर कीचड़ में फंस जाता है, जिसके कारण वह शिव को गोद में उठाकर भागना शुरू करती है। हालांकि, कृष्णा गौरी को गिरा देती हैं, जिसके बाद उन दोनों के बीच काफी लड़ाई होती है।

आखिर में, गौरी कृष्णा के सर पर हमला करके उसे बेहोश कर देती है। गोपिका अपनी मां की मदद करने के लिए आती हैं, मगर गौरी गोपिका को नदी में धक्का देने का प्रयास करती है। लेकिन, पीछे से शिव आकर गौरी को नदी में धक्का दे देता है और खुद भी नदी में गिर जाता है। शिव को बचाने के लिए गोपिका भी नदी में जाती हैं। अब जीत अपने बच्चों को डूबता हुआ देखकर परेशान हो जाता है और उन्हें बारी-बारी बचाता है। तभी अचानक नदी में मगरमच्छ आता है, जो जीत पर हमला बोल देता है। जीत की मदद के लिए कृष्णा आती है और वह मगरमच्छ को भागकर जीत को बाहर निकालती हैं, मगर जीत की हालत काफी खराब है। जल्दी ही जीत की सांसे रुक जाती है और फिर कृष्णा और उसके बच्चें जीत की मौत के सदमे से बौखला जाते हैं।

अब क्या करेगी कृष्णा? आपको क्या लगता है? हमें अपनी राय नीचे कमेंट में बताए और अधिक अपडेट पाने के लिए बने रहे हमारे साथ।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।