Nath Krishna Aur Gauri Ki Kahani Upcoming: खुद की चाल में फंसी गौरी, शिव को बचाने के लिए जीत और कृष्णा ने बनाया प्लान

Nath Krishna Aur Gauri Ki Kahani Episode 1011 Spoiler: दंगल चैनल का लोकप्रिय धारावाहिक नथ कृष्णा और गौरी की कहानी में बेहद लाजवाब ड्रामा देखने को मिल रहा है, जहां शिव को बचाने के लिए कृष्णा और जीत एक नई योजना तैयार करते हैं जबकि गौरी खुद की चाल में फंस गई है।
Nath Krishna Aur Gauri Ki Kahani Upcoming: खुद की चाल में फंसी गौरी, शिव को बचाने के लिए जीत और कृष्णा ने बनाया प्लान 50894

Nath Krishna Aur Gauri Ki Kahani 9 August 2024: दंगल चैनल के लोकप्रिय धारावाहिक नथ कृष्णा और गौरी की कहानी में बेहद लाजवाब ड्रामे की एंट्री हुई है, जहां चुलबुल के गुंडों ने शिव का किडनैप कर लिया है। हालांकि, शिव की किडनैपिंग में गौरी का हाथ है। गौरी ने कृष्णा को जीत से दूर करने के लिए शिव का किडनैप करवाया है, मगर गोपिका अपने भाई को बचाने के लिए गुंडों की गाड़ी में छिप जाती है। दूसरी ओर जीत और कृष्णा को एक चिट्ठी मिलती है, जिसके जरिए गुंडों ने अपनी शर्त बताई है। शर्त के अनुसार, अगर कृष्णा नकली शराब की ट्रक को छोड़ दे, तो वह शिव को बख्स देंगे। इसके अलावा चुलबुल कृष्णा को फोन करता है और फोन पर हो रही बातचीत को शिव भी सुनते रहता है। कृष्णा गुंडे से कहती हैं, कि वह एक जान के लिए सैकड़ों लोगों की जान खतरे में नहीं डाल सकती है। यह बात सुनकर शिव भावुक हो जाता है और गुंडे भी उसे गैस वाले कमरे में बंद कर देते हैं।

हालांकि, गोपिका ने सब कुछ देख लिया है और वह बेहद चालाकी से कृष्णा और जीत को फोन करके गुंडों के जगह की खबर देती है। दूसरी ओर गुंडों ने अब गौरी से भी कह दिया है, कि अगर उनका काम नहीं हुआ, तो वह शिव को जान से मार देंगे। अब गौरी समझ गई कि वह खुद की बनाई हुई जाल में फंस गई है और फिर वह गुंडों की बताई जगह पर पहुंच जाती है। इसके साथ ही कृष्णा और जीत भी बदमाशों के ठिकाने के पास पहुंचते हैं, जहां कृष्णा ने गौरी को देख लिया है। लेकिन, पल भर में एक गुंडा गौरी को बंदूक के नोक पर अगवाह कर लेता है। वहीं कृष्णा और जीत ने फैसला किया है, कि वह अपना भेष बदलकर शिव और गोपिका की जान बचाएंगे।

अब आगे क्या होगा? जानने के लिए जुड़े रहे हमारे साथ।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।