Nath Krishna Aur Gauri Ki Kahani: कृष्णा ने पकड़ा जीत का झूठ, गोपाला की बत्ती हुई गुल

Nath Krishna Aur Gauri Ki Kahani Full Episode 788: कृष्णा ने पकड़ा जीत का झूठ।
Nath Krishna Aur Gauri Ki Kahani: कृष्णा ने पकड़ा जीत का झूठ, गोपाला की बत्ती हुई गुल 39017

Nath Krishna Aur Gauri Ki Kahani Full Episode 788: दंगल टीवी (Dangal Tv) के लोकप्रिय धारावाहिक नथ कृष्णा और गौरी की कहानी (Nath Krishna Aur Gauri Ki Kahani ) में तड़के दार ड्रामे की एंट्री हुई है। शो में आप सभी देखेंगे कि जीत और कृष्णा अपने कमरें में रोमांटिक मोमेंट का शिकार हुए होते हैं, तभी अचानक घुंघट ओढ़े एक औरत उनके कमरें में घुस जाती है। यह औरत कोई और नहीं बल्कि खुद गोपाला रहती है। जीत गोपाला को देख कर परेशान हो जाता है, जबकि कृष्णा उससे झगड़ा करने लगती है। जल्दी ही कमरें में, होटल का एक स्टाफ आता है और कृष्णा को कपल नाइट पार्टी का इन्वीटेशन कार्ड देता है। इस कपल नाइट पार्टी के इन्वीटेशन कार्ड को देखकर कृष्णा खुश हो जाती है और जीत से कहती है, कि वे दोनों शाम की पार्टी में धूम मचाएंगे। मगर गोपाला कृष्णा के हाथ से कार्ड छीन लेती है और कहती है, कि वह अपने पति के साथ इस पार्टी में जाएगी।

इस कार्ड के चलते कृष्णा और गोपाला में खूब झगड़ा होता है। बाद में, जीत गोपाला के सारे एहसान याद करता है और उसे कार्ड दे देता। बेहद चतुराई से जीत कृष्णा को समझाता है। जल्दी ही जीत गोपाला के कमरें में जाता है और उसे वह अपने कमरें में आने के लिए डांटता है। जीत की बातों को सुनने के बाद गोपाला भावुक हो जाती है, जिसके बाद जीत उससे वादा करता है, कि शाम की पार्टी में वह गोपाला के साथ जाएगा। जीत पार्टी में पहुंचता है और जल्दी ही गोपाला भी सज कर जीत के आंखो के सामने आती है। जीत गोपाला को पहली बार वेस्टर्न ड्रेस में देखता है, जिसके कारण वह उसकी खूबसूरती में खो जाता है। जबकि दूसरी ओर कृष्णा जीत का इंतज़ार करती है। जीत कृष्णा को फोन करके कहता है, कि वह उसके साथ पार्टी के नहीं जा पाएगा, क्योंकि वह एक काम के उलझ गया है। कृष्णा अकेले ही पार्टी में जाने का फैसला करती है और पार्टी में आ जाती है। गोपाला कृष्णा को जीत और उसकी ओर आते हुए देख लेती है। गोपाला खुद का मुंह एक गुलदस्ते छुपाती है, जबकि अनजाना जीत वॉशरूम जाने के लिए उठता है और कृष्णा से टकरा जाता है। गोपाला यह सब देखकर वहां से रफू चक्कर होने का इरादा बना लेती है, जबकि कृष्णा के सामने जीत का झूठ खड़ा है।

क्या जीत के झूठ से कृष्णा होगी खफा? आपको क्या लगता है? हमें अपनी राय नीचे कमेंट सेक्शन में बताए और अधिक अपडेट पाने के लिए बने रहे हमारे साथ।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।