Mann Atisundar Spoiler: रानी ने राधिका पर लगाया झूठा इल्जाम, दिव्यम का फूटा गुस्सा

Mann Atisundar Spoiler Ep 368: दंगल चैनल के लोकप्रिय धारावाहिक मन अतिसुंदर में गजब के ड्रामे की एंट्री हुई है, जहां आप सभी देखेंगे कि रानी ने राधिका पर झूठा इल्जाम लगा दिया है, जिसके कारण उसे पूरे परिवार की फटकार का सामना करना पड़ता है।
Mann Atisundar Spoiler: रानी ने राधिका पर लगाया झूठा इल्जाम, दिव्यम का फूटा गुस्सा 50328

Man Atisundar Today Episode: दंगल चैनल के लोकप्रिय धारावाहिक मन अतिसुंदर (Mann Atisundar) में गजब के ड्रामे की एंट्री हुई है। जहां आप सभी देखेंगे कि राधिका भगवान के सामने अपने वैवाहिक जीवन के दुखड़ा रोती है और वह अपना मंगलसूत्र भी त्यागने का फैसला करती है। जल्दी ही दिव्यम आता है और उसे राधिका के गले में मंगलसूत्र की कमी नज़र आती है। लेकिन, दिव्यम कुछ कहे उसके पहले सुजाता और रानी आ जाते हैं। सुजाता राधिका के सामने दिव्यम को रानी की मांग में सिन्दूर भरने के लिए कहती है। राधिका यह सब सुनकर दुखी हो जाती है, जबकि दिव्यम भी रानी की मांग में सिन्दूर नहीं भरना चाहता है।

दिव्यम जान-बूझकर खुद को चोट पहुंचता है, जिसके कारण उसे रानी की मांग नहीं भरनी पड़ती है। इसके अलावा रानी दिव्यम का दिल जीतने के लिए जग्गू के लिए पानी भरने की कोशिश करती है। हालांकि, पहले से ही राधिका इस काम के लिए गई रहती हैं, मगर ग्रिजर के ना चलने के कारण राधिका मेन बोर्ड देखने के लिए चली जाती है। इसी बीच रानी रोड ग्रीजर से पानी भरना शुरू करती है और राधिका से कहती हैं, कि उसने पानी भर दिया है। लेकिन, रानी फोन पर व्यस्त हो जाती है और पानी जग्गू के कमरे में फैलने लगता है। पानी के साथ कमरे में चारो-ओर करंट भी फैलने लगता है। जल्दी ही दिव्यम आता है और वह जग्गू की जान बचाता है। दिव्यम सभी से सवाल करता है, कि यह हरकत किसकी है? जिसके बाद रानी इसका इल्जाम राधिका पर लगा देती है। दिव्यम के साथ पूरा परिवार राधिका को काफी फटकराता है। बाद में, सुजाता पूजा के लिए रानी को चुनती है, जिसे सुनकर राधिका फिर से दुखी हो जाती है।

क्या राधिका और दिव्यम का रिश्ता टूट जाएगा? आपको क्या लगता? हमें अपनी राय नीचे कमेंट में बताए और अधिक अपडेट पाने के लिए बने रहे हमारे साथ।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।