Mann AtiSundar: कड़ाके की ठंड में राधिका की बड़ी मुसीबतें

Mann AtiSundar Full Episode 186: कड़ाके की ठंड में राधिका की बड़ी मुसीबतें।
Mann AtiSundar: कड़ाके की ठंड में राधिका की बड़ी मुसीबतें 40589

Man AtiSundar Full Episode: दंगल टीवी (Dangal Tv) के लोकप्रिय धारावाहिक मन अतिसुंदर (Mann AtiSundar) में दिलचस्प ड्रामे की एंट्री हुई है। शो में आप सभी देखेंगे कि बुआ राधिका की परीक्षा लेने के लिए के लिए उसे 5 दिन घर से बाहर झोपड़ी बनाकर रहने के लिए कहती हैं, जिसके लिए राधिका राज़ी हो जाती है। मगर राधिका और पूरे परिवार के इस फैसले से दिव्यम नाराज रहता है। अगले दिन राधिका को अपने जरूरत का सामान लेने के लिए कहा जाता है, जिसके बाद राधिका अपना बोरिया बिस्तर समेट लेती है। राधिका को बेहद कम समय दिया जाता है, जिससे राधिका को 5 दिन निकालना है। राधिका को प्रभा एक बॉक्स देती है और उससे कहती हैं, कि जरुरत के वक्त इस बॉक्स को खोले। हालांकि, कली यह सब देखती रहती है और वह बुआ के जरिए राधिका के बैग का जांच पड़ताल करवाती है। आखिर में, प्रभा के बॉक्स में से भोलेनाथ की मूर्ति निकालती हैं, जिसे राधिका अपने साथ लेकर जाती है।

राधिका अपना तंबू बनाने का फैसला करती हैं, मगर राधिका को तंबू बनाने के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। वह बार- बार तंबू खड़ा करती है और हवा का झोंका उसका नया आशियाना गिरा देता है। दिव्यम यह सब देखते रहता है और आखिर में, वह आकर राधिका की मदद करता है और राधिका के लिए तंबू खड़ा करता है। सुजाता यह सब देखकर चिढ़ जाती है और वह इसके लिए राधिका को फटकार लगाती है, जिसके बाद दिव्यम अपनी मां यानी सुजाता को शांत करवाता है। राधिका खाना बनाने के लिए चूल्हा जलाने का फैसला करती हैं, लेकिन उसे आग जलाने के लिए कुछ भी नहीं मिलता है। दिव्यम फिर से राधिका की मदद करता है। घर में सभी लोग कली के हाथ का खाना खाने के लिए बैठते हैं, जिसके बाद सभी लोगो आभास होता है, कि यह खाना होटल का है। लेकिन, बुआ कली के पक्ष लेकर सभी को चुप करा देती हैं। जबकि दूसरी ओर राधिका चावल के साथ मिर्ची खाती हैं, जिसे देखकर दिव्यम दुखी हो जाता है। राधिका रात को सोने की तैयारी करती हैं, मगर कड़ाके की ठंड उसे परेशान करती है। फिर भी वह सो जाती है। राधिका के सोने के बाद सुजाता चाकू लेकर उसके झोपड़े की फाड़ने लगती हैं, जिससे राधिका को ठंड लग जाए। लेकिन सुजाता इस बात से अनजान है, कि दिव्यम ने उसे देख लिया है।

अब आगे क्या होगा? आपको क्या लगता है? हमें अपनी राय नीचे कमेंट सेक्शन में बताए और अधिक अपडेट पाने के लिए बने रहे हमारे साथ।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।