Kumkum Bhagya Update: प्राची और रणबीर हुए रोमांटिक, देखें सबूत

Kumkum Bhagya Update: ज़ी टीवी के लोकप्रिय शो कुमकुम भाग्य में दर्शको को प्राची और रणबीर की प्यारी सीन देखने को मिलेगी, जहां वे एक-दूसरे के बेहद करीब आते नजर आएंगे।
Kumkum Bhagya: Purvi's concern gets Ranbir and Prachi closer; will ... for F image use only Ranbir& parchi pic 47772

Kumkum Bhagya: बालाजी टेलीफिल्म्स द्वारा निर्मित ज़ी टीवी के लोकप्रिय धारावाहिक कुमकुम भाग्य (Kumkum Bhagya) ने दर्शको को काफी लंबे समय से स्क्रीन से बंधे रखा है। जैसा कि आप सभी को पता है, कि शो की शुरूआत प्रज्ञा (सृति झा) और अभि (शबीर अहुलिया) की जोड़ी से शुरू हुई थी। शो ने लीप का छलांग लगाया और फिर प्राची (मुग्धा चाफेकर) और रणबीर (कृष्णा कौल) की एंट्री हुई है। शो ने कुछ समय पहले ही अपना तीसरा लीप लिया है, जिसके लिए निर्माताओं ने पूर्वी (रांची शर्मा) और आरवी (अबरार काज़ी) का विकल्प चुना है।

कहानी के अनुसार, एक दर्दनाक हादसे के बाद प्राची और रणबीर जुदा हो गए। प्राची को ऐसा लगता है, कि रणबीर अब इस दुनिया में नहीं रहा, मगर भाग्य ने रणबीर को दूसरा मौका दिया है और वह फिर से कहानी में एंट्री कर चुका है। रणबीर अपनी बेटी पूर्वी और खुशी से मिल चुका है, मगर वह इस बात से अनाजना है, कि वे उसका ही खून है। इसके अलावा प्राची और रणबीर भी कई मर्तबा आमने-सामने आए, मगर वे दोनों एक दूसरे को देखने में असफल हो गए। लेकिन, अब ऐसा लग रहा है, कि दोनों के मुलाकात की घड़ी नजदीक आ गई है, क्योंकि एक खास अपडेट ने हमें इस बारे में जानकारी दी है।

बालाजी टेलीफिल्म्स की क्रिएटिव किरण गुप्ता ने शो से जुड़े कुछ खास झलक को शेयर किया है, जिसमें प्राची और रणबीर के भावनात्मक पुनर्मिलन देखने को मिल रहे हैं। क्लिप में प्राची को किसी को गले लगाते हुए देखा जा सकता है जो संभवतः रणबीर है, क्योंकि वीडियो में मुग्धा चापेकर और कृष्णा कौल को टैग किया गया है। और प्राची के चेहरे के भावों से ऐसा लगता है कि वह सालों बाद आखिरकार रणबीर से मिली। जबकि रणबीर उसे कसकर गले लगा रहा है, यह भावनात्मक पुनर्मिलन एक रोमांटिक पुनर्मिलन में बदल जाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्राची और रणबीर फिर से कैसे मिलते हैं। दूसरी ओर, प्राची की बेटी पूर्वी मोनिशा की उसे नकली नोटों की तस्करी में फंसाने की शैतानी योजना से निपट रही है।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।