देश के सबसे तेज चैनल ‘आज तक’ ने राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित हो रहे तीन दिवसीय ‘साहित्य आजतक’ महोत्सव के दौरान 23 नवंबर को ‘आजतक साहित्य जागृति सम्मान’ समारोह की घोषणा की है. इस वर्ष विजेताओं को यह सम्मान भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों प्रदान किया जायेगा. इस वर्ष ‘आजतक साहित्य जागृति लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान’ कवि-गीतकार गुलज़ार को दिया जायेगा. राजधानी दिल्ली एक अरसे बाद गुलज़ार की उपस्थिति से भी गुलजार होगी. गुलज़ार को इस सम्मान के तहत 11 लाख रुपए की राशि, स्मृति चिह्न और मान-पत्र प्रदान किया जाएगा. ‘आज तक साहित्य जागृति लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान’ भारतीय भाषा के किसी भी सम्मानित लेखक/ लेखिका को उनकी जीवन-भर की साहित्य साधना और साहित्य सेवा के लिए दिया जाता है.
याद रहे कि संयुक्त भारत के दीना गाँव में वर्ष 1934 में पैदा हुए गुलज़ार का असली नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है. उन्हें बचपन में मां के आंचल की छांव और पिता का दुलार नहीं मिला, फिर भी किताबें पढ़ने की ललक ने उन्हें देश में वह मुकाम दिया, जो किसी का भी सपना हो सकता है. एक मैकेनिक से शुरुआत कर गुलज़ार आज एक लीजेंड बन चुके हैं. एक तरफ उन्होंने ‘चौरस रात’, ‘रावी पार’, ‘जानम’, ‘एक बूँद चाँद’, ‘रात, चाँद और मैं’, ‘रात पश्मीने की’ और ‘खराशें’ जैसी कृतियों से साहित्य जगत को समृद्ध किया है, तो दूसरी तरफ ‘मेरे अपने, ‘आशीर्वाद’, ‘आनन्द’, ‘ख़ामोशी’ जैसी फिल्मों के संवाद और पटकथा भी लिखी है. बतौर निर्देशक उन्होंने ‘कोशिश’, ‘आँधी’, ‘मौसम’, ‘अंगूर’, ‘नमकीन’, ‘इजाजत’, ‘माचिस’, ‘हु तू तू’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया तो इनमें से कइयों की कहानी और पटकथा भी लिखी. गुलज़ार को अब तक दादा साहेब फाल्के सम्मान, ऑस्कर अवार्ड, ग्रेमी पुरस्कार, साहित्य अकादेमी पुरस्कार और भारतीय ज्ञानपीठ सहित सैंकड़ों पुरस्कारों और सम्मान से नवाजा जा चुका है. वे पद्मभूषण से भी सम्मानित हैं.
इसी समारोह में वरिष्ठ लेखकों और उदीयमान प्रतिभाओं को उनकी कृतियों पर अन्य 7 श्रेणियों में ‘आज तक साहित्य जागृति सम्मान’ से सम्मानित किया जाएगा. ये विजेता भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से यह सम्मान प्राप्त करेंगे. ‘आजतक साहित्य जागृति सम्मान’ की चयन समिति ने सर्वसम्मति से विजेताओं के नाम का चयन किया है. ‘आज तक साहित्य जागृति सर्वश्रेष्ठ रचना सम्मान’ (लेखक); ‘आज तक साहित्य जागृति सर्वश्रेष्ठ रचना सम्मान’ (लेखिका); ‘आज तक साहित्य जागृति लोकप्रिय लेखक सम्मान’ और हिंदी के साथ ही भारतीय भाषाओं को सम्मानित करने हेतु ‘आज तक साहित्य जागृति भारतीय भाषा सम्मान’ दिया जाएगा. इन सभी श्रेणियों के विजेताओं को एक लाख रुपए की सम्मान राशि, स्मृति चिह्न और मान-पत्र दिया जाएगा. ‘आज तक साहित्य जागृति उदीयमान प्रतीभा सम्मान’ लोकप्रिय श्रेणी को छोड़कर अन्य सभी तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं. इस सम्मान के तहत विजेता को पचास हजार रुपए की राशि, स्मृति चिह्न और मान-पत्र दिया जाता है.
‘आज तक’ ने भारतीय भाषाओं के सबसे बड़े मेले ‘साहित्य आजतक’ के छठें संस्करण के दौरान जागृति फाउंडेशन के सहयोग से पिछले वर्ष इस सम्मान की शुरुआत की थी. पिछले वर्ष ये सम्मान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के हाथों प्रदान किए गए थे. तब ‘आज तक साहित्य जागृति लाइफ टाइम अचीवमेंट सम्मान’ जानेमाने पटकथा लेखक, शायर जावेद अख्तर को दिया गया था. इस वर्ष के विजेताओं को यह सम्मान साहित्य के महाकुंभ ‘साहित्य आज तक’ के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु प्रदान करेंगी.
“साहित्य जागृति सम्मान”- यह पुरस्कार भारतीय साहित्य के प्रति हमारे समूह की गहरी प्रतिबद्धता को पुनः साकार करता है।आज तक साहित्य जागृति सम्मान’ के माध्यम से हम उन कलमकारों और उनके योगदान को सम्मानित कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी कृतियों से समाज और संस्कृति को समृद्ध किया है
हम माननीय राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जो इस विशेष अवसर पर हमारे साथ उपस्थित होकर ‘साहित्य जागृति सम्मान’ प्रदान करेंगी। उनका समर्थन इस सम्मान समारोह को और भी गौरवमयी बना रहा है
–कली पुरी, वाइस चेयरपर्सन और एग्जीक्यूटिव एडिटर इन चीफ, इंडिया टुडे ग्रुप