वॉचमैन की नौकरी से शुरू किया सफर, आज करोड़ों की गाड़ियों में करते हैं सफर, ऐसी है गुरमीत चौधरी की प्रेरक कहानी

Know more about Gurmeet Choudhary: लोकप्रिय टेलीविजन कलाकार गुरमीत चौधरी आज अपना 39वां जन्मदिन मना रहे। जानें उनके करियर के बारे में दिलचस्प जानकारियां।
Started the journey with the job of a watchman, today travels in vehicles worth crores, such is the inspiring story of Gurmeet Chowdhary 3057

Know more about Gurmeet Choudhary: हिंदी टेलीविजन जगत के लोकप्रिय और प्रतिभाशाली कलाकारों में से एक हैं गुरमीत चौधरी (Gurmeet Choudhary) । जो अपने अद्भुत अभिनय के लिए जाने जाते हैं। अभिनेता आज अपना 39वां जन्मदिन मना रहे हैं और वह एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में काफी लोकप्रिय है। अभिनेता ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत वर्ष 2004 में कुमकुम – एक प्यारा सा बंधन में बल्लू के किरदार द्वारा शुरू की। भागलपुर (बिहार) में जन्मे गुरमीत ने अभिनेता बनने का सपना लेकर सपनों की नगरी मुंबई आए, जहां उन्होंने चौकीदार के रूप में काम किया और बाद में मॉडलिंग में कदम रखा। अभिनेता ने मिस्टर भागलपुर का खिताब भी अपने नाम किया हुआ है और मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह अपने करियर के शुरुआती दिनों में केवल 1500 रूपयों की फीस पर ऐड शूट करते थे।

अभिनेता ने काफी लंबा सफर तय किया है और आज उनके पास काफी तगड़ी फैन फॉलोइंग है। अभिनेता को विशेष लोकप्रियता टेलीविजन धारावाहिक रामायण में राम के किरदार द्वारा प्राप्त हुई। वर्तमान समय में, वह एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के जाने माने हस्तियों की सुची में शामिल हैं और दर्शक भी उन्हें पर्दे पर देखना पसंद करते हैं। अभिनेता ने वर्ष 2011 में लोकप्रिय टेलीविजन अभिनेत्री देबिना बनर्जी को अपना जीवनसाथी चुनते हुए शादी की। बाद में, 4 अक्टूबर 2021 को जोड़ी ने दोबारा शादी की। जोड़े को दो पुत्रियां का सौभाग्य भी प्राप्त है। सितारे सोशल मीडिया हैंडल पर काफी सक्रिय रहते हैं और उनके सोशल मीडिया हैंडल पर काफी तगड़ी फैन फॉलोइंग भी है। वह अक्सर अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर अपने आलीशान घर और गाड़ियों से तस्वीरें शेयर करते रहते हैं।

खैर, देवियों और सज्जनों, अभिनेता के बारे में जानकर आपको कैसा लगा? हमें अपनी राय नीचे कमेंट सेक्शन में बताएं और अधिक अपडेट प्राप्त करने हेतु जुड़े रहे हमारे साथ।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।