Gauna- Ek Pratha latest Update: दुर्गा ने दिया गौरव को श्राप, दुविधा में पड़ी गहना

Gauna- Ek Pratha Full Episode 122: दुर्गा ने दिया गौरव को श्राप।
Gauna- Ek Pratha latest Update: दुर्गा ने दिया गौरव को श्राप, दुविधा में पड़ी गहना 37096

Gauna- Ek Pratha Spoiler: शेमारो (Shemaroo) के लोकप्रिय शो गौना- एक प्रथा (Gauna- Ek Pratha) में दर्शकों को गजब का ड्रामा देखने को मिल रहा है।शो में आप सभी ने अब तक देखा कि गहना उर्वशी के कमरे चाभी चोरी करती है और उस बंद कमरे को खोलने की कोशिश करती है, मगर दरवाजा नहीं खुलता है। गहना दुर्गा मां को पूरा माजरा समझाती है। दुर्गा एक पूजा करती है और दोबारा गहना को कमरा खोलने के लिए भेजती है। लेकिन, उर्वशी उस तांत्रिक की आत्मा को अपने कब्जे में करकर गहना को उस कमरे में बंद करने का आदेश देती है। इसके अलावा गहना को कमरे में कुछ अलग आभूषण मिलते हैं, जिसे उसके परिवार कोई भी नहीं पहनता। किंतु, तांत्रिक की आत्मा गहना का पीछा करती है और कमरे के दरवाजे को बंद करने लगती है, मगर समय रहते ही गहना कमरे से बाहर निकल जाती है। गहना कमरे के बाहर जैसे ही निकलती है, वैसे ही वह गौरव से टकरा जाती है। लेकिन, उर्वशी को एहसास हो जाता है, कि गौरव का वशीकरण टूट रहा है, जिसके बाद वह अपनी काली शक्तियों को और बढ़ा देती है। जल्दी ही गौरव गहना पर भड़क जाता है और उससे कहती है, कि उसे पता चल गया है, कि उसके कारोबार के लिए लोन गहना दिला रही है।

अब शो के आने वाले एपिसोड में आप सभी देखेंगे कि गहना दुर्गा को पूरी बात बताती हैं, जिसके बाद वह घर में आकर बुरी शक्तियों के प्रभाव को दूर करने के लिए अपने मंत्र उच्चारण करती है। लेकिन, गौरव दुर्गा को देख लेता है और उसपर आरोप लगाता है, कि घर में जो कुछ भी हो रहा है, वह दुर्गा के टोने टोटके से हो रहा है। गौरव बातो ही बातो में उसे बहुत बुरा भला बोल देता है, जिसपर दुर्गा कहती है, कि मेरी जुबान से लोग अर्स से फर्श और फर्श से अर्श पहुंच जाते हैं। गौरव पर गुस्साई दुर्गा उसे श्राप देने के लिए अपनी जुबान खोलती है, जिसे रोकने के लिए गहना भागती है।

क्या गहना दुर्गा के जुबान दे निकले श्राप को रोक पाएगी? आपको क्या लगता है? हमें अपनी राय नीचे कमेंट सेक्शन में बताए और अधिक अपडेट पाने के लिए बने रहे हमारे साथ।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।