सारा अली खान ने अपनी मां और भाई के साथ देखी ‘जरा हटके जरा बचके’; फिल्म को मिल रहे प्यार पर जाहिर की अपनी खुशी

बता दें, इंदौर के छोटे से शहर में सेट जरा हटके जरा बचके की कहानी दो कॉलेज लवर्स कपिल और सौम्या के इर्द गिर्द घूमती है, जो एक दूसरे के प्यार में पागल हैं। फिल्म में विक्की के साथ सारा की ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री के दर्शक दीवाने हो गए।
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सारा अली खान अपनी हालिया रिलीज ‘जरा हटके जरा बचके‘ की सफलता को एंजॉय कर रही हैं। ये फिल्म 2 जून को थिएटर्स में आई है और जिसे आते ही जनता का खूब प्यार मिल रहा है। फिल्म में जहां सारा के किरदार सौम्या को दर्शकों द्वारा खूब तारीफ मिली, वहीं फिल्म ने एक अच्छी शुरूआत के साथ रविवार को 9 करोड़ रुपये की कमाई की, जिसने वीकेंड पर बॉक्स ऑफिस पर 21.60 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। इस बीच रविवार दोपहर सारा ने मुंबई में अपनी मां अमृता सिंह और भाई इब्राहिम खान के साथ भी फिल्म को एंजॉय किया।

अब सारा अली खान ने फिल्म को मिल रहें पॉजिटिव रिस्पॉन्स पर अपना रिएक्शन दिया हैं। उन्होंने कहा, “मैं वास्तव में खुद को बड़े पर्दे पर देखना मिस कर रही थी, और ज़रा हटके ज़रा बचके की रिलीज़ के बाद मैं जो गर्मजोशी, प्यार और स्वीकृति देख रही हूं, उसके लिए मैं एक्साइटेड और कृतज्ञता से भर गई हूं।”

उन्होंने आगे कहा, “यह वास्तव में फिर से एक शुरुआत की तरह लग रहा है – और मुझे उम्मीद है कि मैं आगे बढ़ती रहूंगी और बेहतर और अच्छा काम करने के लिए पूरी कोशिश करूंगी। हर फिल्म के साथ कुछ नया सीखने और आगे बढ़ने का मौका मिलता है, और जबकि ये सफर कभी खत्म न होने वाला है, इस तरह की छोटी-छोटी जीत का जश्न मनाना भी अहम है।”

अपने परिवार के साथ फिल्म देखने पर सारा कहती हैं, “मैं बहुत शुक्रगुज़ार हूं कि मेरा भाई और मां इस फिल्म को देखकर बहुत हंसे, क्लाइमेक्स में रोए और मुझपर और फिल्म पर गर्व किया। बस यहां से आगे और ऊपर की तरफ बढ़ते रहना है। ”

बता दें, इंदौर के छोटे से शहर में सेट जरा हटके जरा बचके की कहानी दो कॉलेज लवर्स कपिल और सौम्या के इर्द गिर्द घूमती है, जो एक दूसरे के प्यार में पागल हैं। फिल्म में विक्की के साथ सारा की ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री के दर्शक दीवाने हो गए।

वहीं, सारा ने आने वाले प्रोजेक्ट्स की बात करें तो उसमें, होमी अदजानिया की ‘मर्डर मुबारक’, अनुराग बसु की ‘मेट्रो.. इन दिनों’ और ‘ऐ वतन मेरे वतन’ शामिल है।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।