संजय लीला भंसाली, जो अपनी सिनेमेटिक मास्टरपीस के रूप में फिल्मों को बनाने के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने अब अपने खुद के म्यूजिक लेबल भंसाली म्यूजिक को लॉन्च किया है।
भारतीय सिनेमा में, संजय लीला भंसाली का नाम एक आकर्षक कहानी और सुंदर संगीत के साथ जुड़ चुका है। अब उनके नाम से भंसाली म्यूजिक लेबल भी है, जहां वे संगीत की दुनिया में अपनी रचनात्मक शक्ति को बढ़ावा देंगे, और कई काबिल संगीतकार और कलाकारों के साथ मिलकर अपनी फिल्मों को और यादगार बनाने के लिए अलग – अलग एल्बम्स के लिए दिल जीतने वाला संगीत बनाएंगे।
संजय लीला भंसाली की फिल्में कभी असफल नहीं होती हैं और उसके पीछे की वज़ह कहानी को मजबूती देने वाला संगीत है। चाहे हम बात करें दीवानी मस्तानी की शानदारत की या ब्लैक की भावनात्मक धुन की। भंसाली के गाने इमोशंस से भरपूर होते हैं, जो उनकी फिल्मों के हर एक पहलू में खुलकर सामने आते हैं।
बता दें कि इस्माइल दरबार, मोंटी शर्मा और यहां तक कि खुद जैसे टैलेंटेड संगीतकारों के साथ उनकी साझेदारी ने हिंदी सिनेमा में कुछ सबसे बेस्ट और खूबसूरत ट्रैक दिए हैं। चाहे वह “बाजीराव मस्तानी” से “दीवानी मस्तानी” की भव्यता हो या “लाल इश्क” की सुंदरता या “पद्मावत” से “घूमर” के रंग हों, भंसाली का संगीत गहराई और जुनून के साथ गूंजता है। हर नोट, हर लिरिक को प्यार, तड़प, बलिदान और जीत की कहानी को सुनने के लिए ध्यान से चुना जाता है। भंसाली का आर्टिस्टिक विजन और क्राफ्ट हमेशा किसी भी लिमिट को पर करती है और दुनिया भर ने जादूई लहर पैदा करती है। सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि फिल्म मेकर की इंटरनेशनल लेवल पर भी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है।
भंसाली म्यूजिक के लॉन्च पर बात करते हुए, संजय लीला भंसाली कहते हैं, “संगीत मुझे बहुत खुशी और शांति देता है। यह मेरे अस्तित्व का एक अभिन्न अंग है। मैं अब अपना खुद का म्यूजिक लेबल “भंसाली म्यूजिक” लॉन्च कर रहा हूं। मैं चाहता हूं कि दर्शक भी ऐसा ही अनुभव करें। आनंद और आध्यात्मिक जुड़ाव जो मुझे तब महसूस होता है जब मैं संगीत सुनता हूं या बनाता हूं”।
भंसाली को बेहद खूबसूरती से क्लासिक और मॉडर्न म्यूजिक के कॉम्बिनेशन को बनाने के लिए जाना जाता है। भंसाली द्वारा बनाए गए गानों का असर हर उमर के लिस्टनर पर देखने मिलता है। चाहे वह प्राचीन महाकाव्यों की शानदारता को दिखाना हो, या फिर मॉडर्न रोमांस की भावना को दिखाना हो।
भंसाली म्यूजिक के जरिए, संजय लीला भंसाली कला की व्यक्तिगत व्याख्या की सीमाएं नए रूप में स्थापित करते हुए, जनता को एक यात्रा पर बुलाते हैं, जहां संगीत सिर्फ एक अक्सेसरी नहीं बल्कि एक रूह-जगाने वाली शक्ति है।