संजय लीला भंसाली ने 1,60,000 sq ft में बनाया अपनी वेब सीरीज हीरामंडी का विशाल सेट

ऐसे में ओटीटी को भी अगले स्तर पर ले जाते हुए संजय लीला भंसाली अब 'हीरा मंडी' के साथ सामने आ रहे हैं
Sanjay Leela Bhansali built a huge set of his web series Heeramandi in 1,60,000 sq ft 12336

चाहें हम दिल दें चुके सनम हो, या देवदास हो या फिर कुछ वक्त पहले आई पद्मावत और गंगूबाई काठियावाड़ी ही क्यो न हों, संजय लीला भंसाली एक ऐसे फिल्म मेकर हैं जो अपने ग्रैंड मूवी सेट्स और उसकी बारीकियों के लिए जाने जाते हैं जो दर्शकों को एक पूरी तरह से अलग दुनिया से रूबरू कराता हैं।

ऐसे में ओटीटी को भी अगले स्तर पर ले जाते हुए संजय लीला भंसाली अब ‘हीरा मंडी’ के साथ सामने आ रहे हैं, जो आजादी के पहले के भारत में तवायफों के जीवन में प्रेम और धोखे की कहानियां दर्शाता है, वो भी बिल्कुल उनके सिग्नेचर स्टाइल में, जो आपको एक ऐसी दुनिया में ले जाएगा जहां रानियां प्रॉस्टिट्यूट हुआ करती थीं। वहीं दर्शक भी अब उस विशिष्ट लुक की उम्मीद करने लगे हैं – जिसमें भरपूर बारीकियां भी हो और इंडियन टेक्सटाइल, आर्टवर्क, कलर और बनावट का ज्यादा इस्तेमाल भी हो- बिना सेटिंग या कहानी जानें।

दिलचस्प बात यह है कि यह देखते हुए कि ‘हीरा मंडी’ ग्लोबल दुनिया में देश की सबसे बड़ी ओटीटी पेशकश है, इसमें दांव और भी ऊंचे हैं और इसके लिए फिल्म मेकर का नजरिया और भी महत्वाकांक्षी है। जबकि इससे जुड़ी डिटेल्स अब तक सामने नही आई है, इसमें कोई हैरानी की बात भी नहीं है क्योंकि संजय लीला भंसाली ने हमेशा गुपचुप तरीके से और लगन के साथ काम करना चुना है, जब तक कि वह खुद इसे दुनिया के सामने पेश करने के लिए तैयार नहीं हो जाते। वहीं एक सोर्स से मिली जानकारी के मुताबिक इस सीरीज के लिए लगभग 1,60,000 स्क्वायर फुट का एक विशाल सेट बनाया गया है। निर्देशक व्यक्तिगत रूप से इसकी हर छोटी से छोटी चीज पर गौर कर रहे हैं। अभिनेता के लुक से लेकर, सेट की बारीकियां और आर्ट डिजाइन तक सब कुछ वो देख रहे हैं। यहां तक कि हर सीन के साथ लाइटिंग पर भी वो पैनी नजर रखते हैं जो एक अलग विजुअल विगनेट को कैप्चर करती है।

‘हीरा मंडी’ को अपनी अब तक की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना बताते हुए, संजय लीला भंसाली अपनी आइकोनिक फिल्मों की तुलना में सीरीज में दोगुना जुनून और पैमाना लाते हैं।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।