प्रतिष्ठित 55वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में अपने ग्लोबल प्रीमियर के साथ महावतार नरसिम्हा ने इंडियन सिनेमा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जानें माने फिल्म मेकर अश्विन कुमार के डायरेक्शन में ये फिल्म दर्शकों को एक आध्यात्मिक और खूबसूरत विजुअल के सफर पर ले जाती है, जिसमें भगवान विष्णु के तीसरे और चौथे अवतार, वराह और नरसिम्हा की महाकाव्य कहानियां दिखाई गई हैं।
55वें IFFI में फिल्म के बारे में बात करते हुए डायरेक्टर कहते हैं, “यह सिर्फ़ एक एनिमेशन फ़िल्म नहीं है; यह प्रेम का श्रम है और हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए एक श्रद्धांजलि है। विष्णु पुराण, नरसिंह पुराण और श्रीमद्भागवत पुराण पर आधारित, हमने एक ऐसी कहानी बताने के लिए मूल ग्रंथों के प्रति सच्चाई रखी है जो सभी पीढ़ियों से जुड़ती है। मैं इन कहानियों को मिथकों के रूप में नहीं, बल्कि हमारे साझा इतिहास और चेतना का हिस्सा बनाकर संरक्षित करना चाहता था।”
फिल्म में राक्षस राजा हिरण्यकश्यप, जो भगवान विष्णु से बदला लेना चाहता है, और उसके पुत्र प्रह्लाद के बीच महाकाव्य युद्ध दिखाया गया है, जिसकी दृढ़ और सच्ची आस्था भगवान को नरसिंह का रूप लेने के लिए मजबूर करती है।
सभी उम्र के लोगों को आकर्षित करने वाले सिनेमाई अनुभव के साथ, “महावतार नरसिम्हा” भारतीय एनीमेशन के स्टैंडर्ड को और बेहतर बनाने की कोशिश करती है। इस फिल्म को बनाने में चार साल से ज्यादा का समय लगा, जिसमें एनीमेशन और छोटे-छोटे विवरणों पर ध्यान दिया गया है।
अश्विन कुमार ने इस बात पर चर्चा की कि भारत में एनीमेशन ज्यादातर बच्चों के लिए होता है। उन्होंने कहा, “हम इस सोच को बदलना चाहते थे और सभी के लिए एक फिल्म बनाना चाहते थे। शुरू में किसी ने भी हमारे विचार पर विश्वास नहीं किया, लेकिन हमने यह साबित किया कि भारतीय VFX और एनीमेशन दुनिया भर में बेहतरीन हो सकते हैं।”
डायरेक्टर ने बताया, “यह सिर्फ़ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक विरासत है। ऐसी कला जो शोध और गहराई में आधारित होती है, वह प्रभावी रूप से हर किसी तक पहुँचती है, और हम इसे अपने भविष्य के कार्यों में बनाए रखने के लिए समर्पित हैं।”
महावतार नरसिम्हा का निर्देशन अश्विन कुमार ने किया है। शिल्पा धवन, कुशाल देसाई और चैतन्य देसाई द्वारा निर्मित यह फिल्म क्लेम प्रोडक्शंस और होम्बले फिल्म्स के बैनर तले बनी है।