Sridevi’s Special Facts: आज 24 फरवरी को उनके गुजरे पूरे 5 साल हो गए। ऐसा कोई भी दिन नहीं गुजरा होगा जब किसी ने उनके गाने नहीं देखे होंगे या उनकी फिल्मों को नहीं देखा होगा… वह सही मायने में डांसिंग क्वीन थी जो बेहद आसानी से अपने प्रशंसकों को नचाना जानती थी। वह सबकी पसंदीदा अभिनेत्री थी। और वह देश की डार्लिंग भी थी। मुझे श्रीदेवी बेहद पसंद है। और इसी वजह से मुझे बोनी कपूर से जलन होती है कि उन्हें श्रीदेवी से शादी करने का मौका मिला। मैंने लम्हे, जुदाई और सदमा सबसे ज्यादा बार देखा है।
श्रीदेवी वास्तव में लाखों दिलों की धड़कन थी। लेकिन जिस तरह वह हमे छोड़ कर गई वह वास्तव में बहुत क्रूर था। दुबई में वह अपने पति बोनी कपूर के भतीजे मोहित मारवाह के शादी में हिस्सा लेने गई थी। वह शादी में हमेशा की तरह है बेहद खूबसूरत दिख रही थी। शादी तक सब कुछ बढ़िया चला और वह शादी में बिल्कुल स्वस्थ भी दिख रही थी। शादी खत्म होने के बाद बोनी कपूर सहित पूरा परिवार मुंबई लौट आया। लेकिन बोनी कपूर की यह सबसे बड़ी गलती साबित हुई। उनके आखरी समय में सबसे अज़ीज़ व्यक्ति जो उन्हे सबसे प्यार था वह उनके साथ नही था।
बोनी कपूर का अपने पत्नी के प्रति प्यार किसी भी आम इंसान के समझ से आगे के बात है। शादीशुदा और दो बच्चो के पिता होने के बावजूद बोनी ने श्रीदेवी के साथ एक नई जिन्दगी की शुरुआत करने का फैसला लिया। उन दोनों की मुलाकात तब हुई जब जबकि देवी बॉलीवुड में अपनी शुरुआत कर रही थी। इससे पहले श्रीदेवी तमिल और तेलुगू फिल्मों में काम कर चुकी थी और वहां काफी शोहरत भी हासिल की थी। पहले बोनी कपूर उनके साथ फिल्मों के माध्यम से जुड़े फिर उन्हें अपनी जिंदगी में ही शामिल कर लिया। शुरुआत में श्रीदेवी मुंबई में लंबे शूटिंग की वजह से होटल में रहकर परेशान होने के बाद बोनी कपूर के परिवारिक घर में रहने लगी। इसका एक कारण चेन्नई में अपने परिवार से दूर रहना भी हो सकता है। उसके बाद वह कभी अलग नहीं हुई। बोनी पूरी तरह से उनकी जिंदगी का हिस्सा बन चुके थे और श्रीदेवी के लिए बोनी अपनी जिंदगी से अलग करके देखना बहुत मुश्किल हो गया था। बोनी श्रीदेवी को दुनिया की सबसे बेहतरीन अभिनेत्री मानते थे, सपना जी जान लगाकर श्रीदेवी की मदद करते थे।
मुझे याद है श्रीदेवी ने मुझसे कहा था, ” मैं बोनीजी पर अपनी निर्भरता के लिए थोड़ी भी शर्मिंदा नहीं हूं। वह मेरी लाइफ लाइन है। वह मेरी जिंदगी की हर छोटी से छोटी चीज का ख्याल रखते हैं। उसके बिना जीवन कैसा होगा,मैं सोच भी नहीं सकती।”
अब जबकि श्रीदेवी को इसका जवाब देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
मैं जब कभी भी उनसे फोन पर बात करता हूं मेरे हाथ कांपने लगते। वह मेरी असहजता दूर करने के लिए कहतीं, ” ऐसा मत करो। मैं कुछ खास नहीं हूं। मैं बस पूरी मेहनत से अपना काम करती हूं, जैसा कि मुझे उम्मीद है कि मेरी बेटियां भी अपना करियर शुरू करने के बाद करेंगी। मेरे लिए यह अच्छी बात है, मैंने कैमरे के लिए अपना उत्साह और जुनून नहीं खोया है। मुझे अभी भी शूटिंग के पहले दिन वही उत्साह महसूस होता है, जो मैंने तब किया था जब मैंने तमिल सिनेमा में एक बाल कलाकार के रूप में शुरुआत की थी, जब मैं केवल 4 साल की थी। मैंने अभिनय के लिए अपना उत्साह कभी नहीं खोया। जिस दिन ऐसा होगा मै अभिनय छोड़ दूंगी।”
बॉलीवुड में बहुत सी बेहतरीन अभिनेत्री आ रही है, लेकिन श्रीदेवी को अलग क्या बनाती है?
एक बार मैंने कमल हसन से यही सवाल पूछा था, इसपर उन्होंने मुझे यह जवाब दिया था, ” श्रीदेवी कोई भी चीज बहुत अच्छे से दिखती थी और वह बेहतरीन मिमिक्री भी करती थी। वह निर्देशक को छोटी से छोटी बातों के साथ मिमिक करती थी। जब हमने उनकी पिछली फिल्मों में साथ काम किया तो वह भी मेरी नकल करती थीं। और इस तरह मैंने काम पर सीखा। दूसरों को बहुत ध्यान से देखकर” मैं एक बार यश चोपड़ा के साथ बैठा था। श्रीदेवी ने जुदाई में अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया था जिसे बोनी कपूर ने प्रोड्यूस किया था। यशजी ने फोन उठाया और ब्रीच कैंडी में श्रीदेवी को लगाया। और बोलें, “श्री, सुनो जुदाई के बाद, तुम सिर्फ एक माँ और पत्नी नहीं बनागि। तुम्हे अभिनय करना जारी रखना होगा। मेरे पास तुम्हारे लिए रख स्क्रिप्ट तैयार है। ” श्रीदेवी अपने जीवन में दो बेटियों जाह्नवी और खुशी की माँ का किरदार निभाने मे मसगुल हो गई। हालांकि वह अपनी बेटी जाह्नवी का फिल्मी शुरुआत देखने के लिए जिंदा नही रह सकीं। बोनी ने अपने पहले पत्नी से जुड़ी यह बात कही।
मोना अपने बेटे को इश्कजादे फिल्मी शुरुआत देखने से कुछ महीने पहले ही मर गई। लेकिन मोना बीमार थी। श्रीदेवी बिल्कुल स्वस्थ थी। मेरे साथ आखरी बातचीत में उन्होंने बताया कि बोनी कपूर कैसे उन्हें और चुलबुला होने ले लिए प्रेरित करते थे, ” मैं एक बहुत ही अनुशासित जीवन जीती हूं। बोली जी मुझे कहते हैं संत बनना छोड़ो और जीवन का आनंद लो। ”