जानें सदी की सबसे खूबसूरत अभिनेत्री क्यों मानी जाती है मधुबाला

Magic Of Madhubala: बॉलीवुड की अब तक की सबसे खूबसूरत अभिनेत्री मधुबाला के बारे में जाने यह खास बातें
जानें सदी की सबसे खूबसूरत अभिनेत्री क्यों मानी जाती है मधुबाला 1634

Magic Of Madhubala: यह कोई इत्तेफाक नहीं है कि बॉलीवुड में सबसे ज्यादा प्यार किए जाने वाली और सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक मधुबाला का जन्म वैलेंटाइन डे के दिन ही हुआ था।

बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री की सबसे खूबसूरत अभिनेत्री जिन्हें बॉलीवुड की मर्लिन मुनरो भी कहा जाता था। वह आज 90 साल की होती अगर उनकी मृत्यु 36 साल की उम्र में ना हुई होती। उनकी दिलकश मुस्कान और उनकी बेहद खूबसूरत तस्वीरें ने सालों तक लोगों के दिलों पर राज किया है और आगे भी करते रहेंगी।

कमाल अमरोही की फिल्म महल ने मधुबाला को उनका शुरुआती पहचान दिलाने में कारगर साबित हुई। उन्होंने मधुबाला को एक ऐसे किरदार में डाला जिससे किसी को भी मोहब्बत और नफरत दोनों एक साथ ही हो जाता है। लेकिन उनके सबसे यादगार फिल्मों में से एक मुग़ल-ए-आज़म के अनारकली का किरदार था। जिसके गाने प्यार किया तो डरना क्या को लता मंगेशकर ने अपनी आवाज दी थी और याद आना आज भी उतना ही लोकप्रिय है। यह कहना गलत नहीं होगा कि उनके किरदारों की तरह उनका निजी जीवन भी काफी दिलचस्प रही। शहजादे सलीम का किरदार निभाने वाले दिलीप कुमार उनसे बहुत प्रभावित थे और उनसे शादी भी करना चाहते थे। लेकिन इसके लिए मधुबाला के पिता राजी नहीं हुए।

मधुबाला का 14 फरवरी 1933 को जन्म दिल्ली के एक गरीब पश्तून परिवार मैं हुआ था जहां उनका नाम मुमताज बेगम था। उनका परिवार जल्द ही बॉम्बे आगया। बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो से जुड़ी हुई देविका रानी ने उन्हें पहली बार देखा और मधुबाला के नाम से उन्होंने 9 साल की उम्र में 1942 में आई फिल्म बरसात से अपना फिल्मी करियर शुरू किया। मुख्य अभिनेत्री के रूप में वह 1947 में आई कबीर शर्मा की आई फिल्म नील कमल नजर आई। उन्होंने चलती का नाम गाड़ी (1958), हाफ टिकट (1962) और झुमरू (1961) जैसे फिल्मों में भी बेहतरीन काम किया है।

मधुबाला को एक गंभीर स्थिति ने उनकी जान ले ली। उन्हें मालूम था उनके दिल में छेद है और डॉक्टरों ने उन्हें कुछ साल ही दिए थे। वह अपने अंतिम दिनों में अपने पति किशोर कुमार के साथ रहीं। 1969 मैं 36 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। लेकिन अभिनेत्री ने अपने काम और सुंदरता से लाखों दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाने में कामयाब रही है। और वह आज भी अपनी खूबसूरती और अपने काम के लिए बहुत याद की जाती है।

अंकित तिवारी: कलम और किताबों के शौख ने मुझे इस क्षेत्र में खींच लाया। ख़बर के प्रति उत्सुकता और लिखाई की मोहब्बत ने मुझे पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया। हिन्दी मेरे लिए न केवल एक भाषा है, बल्कि एक हथियार भी है जो मुझे अपने जीवन के संघर्षों से लड़ने और सफलता और उपलब्धि के पथ पर आगे बढ़ने में मदद करती है।