Helen’s Interview: रोजमर्रा के बातों से दूर हट कर जब हम देखते हैं तो अरबाज खान के द इनविंसिबल्स सीरीज के एक इंटरव्यू में अपने जमाने की डांसिंग क्वीन कही जाने वाली हेलेन ने कुछ खास खुलासे किए हैं।
हेलेन हमेशा की तरह बेहद खूबसूरत दिख रहीं थी लेकिन अपने अतीत के बारे में बात करने में काफी प्रतिरोध दिखा रही थी। अरबाज ने उन्हे सहज महसूस कराने में कामयाब रहे। जिस वजह से वह काफी खुलकर बोलती नजर आईं। जहां उन्होंने अपने शुरुआती जीवन के बारे में बताया, की कैसे चीन द्वारा बमबारी के वजह से बर्मा में फैले राजनैतिक अस्थिरता के बीच उन्हें अपना सब कुछ छोड़कर भारत आना पड़ा।
भारत में आने के बाद उन्होंने 11 साल की उम्र में मणिपुरी नृत्य सीखा। और इस नृत्य कला में सबसे बेहतर बनी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा…
मुझे लगता है कि अरबाज को उनके डांस के बारे में उनसे और बात करनी चाहिए थी। उन्होंने फिल्म इंतेकाम में कैबरे आ जान-ए-जान के बारे में हल्की-फुल्की बातें की, जोकी क्रेजी हॉर्स नाइट क्लब में क्लब-फ्लोर के प्रदर्शन से प्रेरित था। या उन्होंने कोरियोग्राफर पीएल राज को सबसे मुश्किल टास्कमास्टर क्यों बताया।
विडंबना यह है कि हेलन के ज्यादातर गाने आशा भोंसले ने गाए हैं, लेकिन आ जान-ए-जान को दिवंगत लता जी ने गाया था।
उन्होंने तीसरी मंजिल फिल्म के गाने ओ हसीना जुल्फों वाली के बारे में बात की और बताया कि कैसे सम्मी कपूर उनके पसंदीदा डांस पार्टनर थे। लेकिन दूसरे डांस नंबर का क्या जैसे पिया अब तो आजा? इस बारे में कोई चर्चा नहीं हुई।
हेलन ने अपने पहली फिल्म देव आनंद-नूतन की बारिश में एक डांसर के रूप में अपने अनुभव के बारे में बात की। हेलन ने कुकू का भी जिक्र किया। फिल्मों के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया की कैसे हिंदी फिल्म में उनकी उपस्थिति में उन्हें आगे काम दिलाने में मदद की। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि उनसे पहले प्रसिद्धि कुकू का करियर उनके आते ही खत्म हो गया।
बातचीत का एक बड़ा हिस्सा, अहम, परिवारिक संबंध जैसे कि अरबाज खान के पिता सलीम खान से उनकी शादी। यह बात माननी पड़ेगी की अरबाज ने इसे काफी समझदारी से संभाला। उनके बीच कोई द्वंध नजर नहीं आया जब हेलन अरबाज के पिता सलीम खान से अपनी प्रेम संबंध हो के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि कैसे वह और सलीम खान मिले और उन्हें एक दूसरे से प्यार हुआ। और उनकी वजह से अरबाज की मां को कितनी तकलीफ सहनी पड़ी होगी।
अरबाज ने हेलन के शंकाओं को बेहतरीन तरीके से संभाला। मुझे लगता है कि यह एक अनोखी किस्म का इंटरव्यू था जहाँ एक ही परिवार से जुड़े दो लोगो के बीच का संबंध इंटरव्यू के लिए बाधा बन सकता था उसे अरबाज के समझदारी मैं एक बेहतरीन बातचीत में बदल दिया। जहां 2 लोग बिना किसी पूर्वाग्रह के और बिना एक दूसरे को आंके खुले मन से बात कर रहे थे।
बातचीत का सबसे बेहतरीन मोड़ तब आया, जब हेली में अपने हाथ जोड़ कर अरबाज को और उनके पूरे परिवार का शुक्रिया अदा किया। कि उनके परिवार ने उन्हें एक सदस्य के रूप में अपनाया। और उन्हें भी खान बनने का मौका दिया।
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