Salaar Review in Hindi: प्रभास और श्रुति हसन अभिनीत बहुप्रतीक्षित फिल्म सलार (Salaar) ने सिनेमाघरों में हाजिरी लगा दी है। इस शुक्रवार की सुबह सिनेमाघरों में काफी तगड़ी भीड़ देखने को मिली। होमब्ले फिल्म की ‘सलार’ में भरपूर एक्शन का डोज है, जो दर्शकों को पर्दे पर नजरे गड़ाए रखने पर मजबुर करता है। फिल्म में दमदार एक्शन और एक अलग कहानी देखने को मिलती है, जिसे समझने में काफी वक्त लग जाता है। फिल्म की कहानी खानसार नाम के क्षेत्र के गद्दी के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां काफी लड़ाइयां और जंग होती रहती हैं। फिल्म की शुरुआत से ही दर्शक अहम भूमिका वाले प्रभास को खोजते हैं, जिनकी शुरुआत थोड़ी ठंडी नजर आई। इस 400 करोड़ रुपए की बजट वाली फिल्म को प्रशांत नील की अगुवाई में निर्देशित किया गया है, जो बेहद लाजवाब है। फिल्म काफी हद तक उलझी हुई नजर आईं, जिसे दर्शकों द्वारा सुलझाने की खूब कोशिश की गई।
अभिनय क्षमता
खूबसूरत श्रुति हसन के साथ लेखक ने नाइंसाफी किया है, दर्शको को उन्हें देखने का मौका बेहद कम मिलता है। जबकि प्रभास और पृथ्वीराज ने अपने किरदार के साथ पूरी वफादारी की है, जो लोगो को खूब पसंद आई। कहीं ना कहीं कमजोर कहानी और हद से ज्यादा सस्पेंस दर्शकों को परेशान करती नजर आईं। फिल्म को देखने के लिए धैर्य की जरूरत है, अगर आप धैर्यवान नहीं है, तो आप इसे नहीं देख सकते हैं।
सलार और डंकी के बीच टक्कर
जैसा कि आप सभी लोगो को पता है, कि किंग खान उर्फ शाहरुख खान की डंकी ने सलार से एक दिन पहले सिनेमाघरों में हाजिरी लगाई है, जिसपर जनता द्वारा खूब प्यार बरसाया जा रहा है और फिल्म तगड़ी कमाई की राह पर नजर आ रही है। अब देखना यह वाकई दिलचस्प होगा, कि इस रेस में कौन होगा सबसे आगे।
सलार की कहानी
सलार की कहानी 2 जिगरी दोस्तों के इर्द गिर्द घूमती है, जिन्हे लेखक ने बेहद निराले अंदाज से पिरोया है। हालांकि, फिल्म के पहले सीन में दर्शकों को काफी वक्त वक़्त लगता है, कहानी में घुसने में। प्रभास के अलावा पृथ्वीराज सुकुमारन, जगपति बाबू और श्रुति हासन ने भी फिल्म में बेहद शानदार प्रदर्शन किया है, जिसमें देव (प्रभास) वर्धा (पृथ्वीराज सुकुमारन) के किरदार में नजर आते हैं। ये दोनों दोस्त बेहद करीबी रहते है, जो एक दूसरे की मदद के लिए किसी भी हद को पार कर सकते हैं, मगर वर्धा को उसका हक दिलाने के लिए देव खानसार जाता है। वर्धा खानसार के राजा की दूसरी पत्नी की संतान है, जिसे उसकी बचपन की गलती के कारण उसके हक से दूर रखा गया। देव के खानसार पहुंचने के बाद लेखक की कलम अपनी शक्तियां दिखाना शुरू करती है। सालार: पार्ट 1 – सीजफायर की कहानी के साथ आगे बढ़ती है, जहां देव खून की नदियां बहाना शुरू कर देता है। सीजफायर के लिए वोटिंग की जाती है, जिसमें महज 9 दिन बचे रहते है। इस 9 दिन के भीतर कुछ ऐसा होता है, जो पूरी कहानी को बदल देती है। बस इसी दिलचस्पी को देखने के लिए आप सिनेमाघरों में दस्तक देख सकते हैं। मनोरंजन न्यूज द्वारा इस फिल्म को 2.5 स्टार प्राप्त है।