OMG 2 Review: अमित राय ने अपने निर्देशन से एक शानदार पेशकश करते हुए भारत के सबसे बड़े मुद्दे को उजागर करने की कोशिश की है। यह मुद्दा ऐसा हैं, कि जिसे माता-पिता अपने बच्चों के सामने पेश करने या समझाने से झिझकते है। फिल्म की कहानी, उज्जैन के एक मध्यवर्गीय परिवार से शुरू होती हैं। घर का प्रमुख सदस्य एक बहुत बड़ा शिव भक्त है। इस शिव भक्त का नाम कांति शरण मुगदल (पंकज त्रिपाठी) हैं, जो फिल्म के लिए एक बहुत बड़ा खम्भा है। कहानी की शुरुआत, कांति के बेटे विवेक के वायरल वीडियो से होती हैं, जिसमें वह स्कूल के टॉयलेट में हस्तमैथुन करते हुए नजर आता है। स्कूल के चेयरमैन (अरूण गोविल) विवेक को स्कूल से निकालने का फैसला करते हैं। इस वीडियो से कांति और समाज दोनों ही विवेक को दोषी समझते हैं। विवेक समाज की आलोचनाओं से परेशान होकर खुद को खत्म करने का फैसला करता है।
हालांकि, भगवान शिव के एक अवतार के रूप में अक्षय कुमार की एंट्री होती हैं, जो उन्हें राह दिखाने में मदद करते है।जल्दी ही कांति को समाज की सबसे बड़ी परेशानी के बारे में पता चलती है और वह इस बड़े को मुद्दे को कोर्ट में घसीटता है। कांति कोर्ट में स्कूल के खिलाफ जरूरी ज्ञान को न समझाने के लिए मुकदमा दर्ज करने की मांग करता है। उसकी इच्छा हैं, कि स्कूल गलती स्वीकार कर विवेक को दोबारा स्कूल में स्थान दें। कोर्ट में, कांति के सामने वकील के रूप में कामिनी महेश्वरी (यामी गौतम) होती हैं, जो एक होनहार वकील के साथ स्कूल के चेयरमैन की बहू भी है।
कांति लगातार कोर्ट में हजारों साल पुराने किताबों और चित्र को पेश करता हैं, जिसमें काम (सेक्स एज्युकेशन) के बारे में चर्चा की गई है। वह उदाहरण के तौर पर कामासूत्र और अजंता गुफा की तस्वीरें पेश करता हैं, जिसमें काम की वर्णन की गई है। फिल्म में अक्षय कुमार का किरदार बेहद अलग है और वह फिल्म में क्षण-क्षण भर के लिए नजर आते है। खास बात यह हैं, कि फिल्म में अक्षय ने गदर फिल्म के ‘उड़ जा काले कावा’ गाने की धुन में घुले हुए नजर आते है।
फिल्म पुरी तरह से पंकज त्रिपाठी के कंधों पर सवार है। अभिनेता ने अपने किरदार को बखूबी निभाया और इस बड़े मुद्दे को लेकर समाज को आइना दिखाया। कामिनी बेहद चालाकी से कांति की बेटी और पत्नी से काम के बारे में सवाल करती है। इसके अलावा कामिनी कोर्ट में एक सेक्स वर्कर को पेश करती हैं, जिससे कोर्ट को यह समझने में आसानी होती हैं, कि सेक्स एज्युकेशन स्कूल में जरूरी है।
कांति कोर्ट को यह समझाने में सफल रहता हैं, कि समाज को इस ज्ञान को स्वीकार करना चाहिए और स्कूल में पढ़ाना चाहिए। कांति की आवाज देश भर की जनता सुनती है और उसके साथ इस मांग में शामिल होती है। फिल्म के निर्माताओं और कलाकारों ने बेहतरीन प्रदर्शन के साथ इस ज़रूरी मुद्दे को सार्वजनिक किया है। फिल्म को और अच्छे से समझने के लिए अपने नजदीकी सिनेमाघरों में हाजिर लगाए। मनोरंजन न्यूज़ इस फिल्म को 3½ स्टार देता है।