Mission Raniganj Review: कलाकार: अक्षय कुमार , कुमुद मिश्रा , पवन मल्होत्रा , वरुण बडोला , दिब्येंदु भट्टाचार्य , राजेश शर्मा , वीरेंद्र सक्सेना , अनंद महादेवन , जमील खान , सुधीर पांडे , रवि किशन और परिणीति चोपड़ा
निर्माता: वाशू भगनानी , दीपशिखा देशमुख , जैकी भगनानी और अजय कपूर
निर्देशक: टीनू सुरेश देसाई
स्टार: 4 स्टार
केसरी, एयरलिफ्ट और रूस्तम जैसी दमदार बायोपिक्स के बाद अक्षय कुमार (Akshay Kumar) ने अपने अभिनय क्षमता को प्रदर्शित करते हुए ‘मिशन रानीगंज’ (Mission Raniganj) को दर्शकों के बीच पेश किया है। जी हां! यह फिल्म भी सच्ची कहानी पर आधारित है और अक्षय ने इस फिल्म में रियल हीरो जसवंत सिंह गिल के किरदार को अपनाया हैं, जिन्होंने वर्ष 1989 में बंगाल के रानीगंज में स्थित कोयलें की खदान से करीब 65 मजदूरों की जान बचाई थी। फिल्म की शुरुआत प्यारी नोक-झोंक और परीणीति के ग्लैमरस अदाओं के साथ होती हैं, जिसमें नाच-गाना भी शामिल रहता है। गर्भवती परिणीति चोपड़ा लगातार अक्षय को संपर्क करते रहती है। अक्षय ने जसवंत सिंह गिल के किरदार के साथ कोयला इंजिनियर के रूप को धारण किया हैं। गिल की समझदारी और धैर्य कई लोगों की जान को बचाने में सफल रहती है। लेकिन, कई दिक्कतों और परेशानियों के बाद यह सब कुछ संभव होता है। निर्देशक टीनू सुरेश देसाई ने बेहद शानदार प्रदर्शन करने वाले कलाकारों के साथ एक दमदार फिल्म को जन्म दिया है। ‘रुस्तम’ के करीब 7 साल बाद निर्देशन जगत में लौटने वाले टीनू देसाई ने सभी को सीटों से बांधे रखने पर मजबूर किया है।
शानदार सहायक कलाकारों की टोली
फिल्म में अक्षय ने अकेले पुरी कमान को थामीं है और अभिनेता ने अपने शानदार किरदार के साथ पुरी इमानदारी की है।
हालांकि, बिना शानदार सहायक कलाकारों की टोली के यह फिल्म बेहतरीन नहीं बन सकती थी। गिल के सीनियर के रूप में उज्ज्वल उर्फ कुमुद मिश्रा ने भी शानदार प्रदर्शन किया है। इसके अलावा पाशु के किरदार में जमील खान, भोला के किरदार में रवि किशन और जुगाड़ू तकनीशियन के रूप में पवन मल्होत्रा सराहनीय प्रदर्शन किया है।
फिल्म की कहानी
फिल्म कोयला खदान में कोयला निकालने वाले मजदूरों के इर्द-गिर्द घूमती हैं, जिसमें 71 मजदूर फंस जाते हैं। खदान की गहराई लगभग 350 फीट रहती हैं, जिसमें मजदूर काम करते है। कोयले की खोज में गए, मजदूर अनजाने में पानी को स्तोत्र पर माइन लगाकर ब्लास्ट कर देते हैं। पानी अपने विक्राल रूप में, खदान में बहने लगती हैं, जिसमें सारे मजदूर फंस जाते है। अब बारी आती हैं, हमारे हीरो की। अक्षय पाजी अपने बुद्धि का प्रयोग करते हुए खदान के सबसे ऊंचे छोर के उपर बोर करवाते हैं। गिल द्वारा बोर करने के बाद उसमें कैप्सुल डाला जाता हैं, जिसमें एक बार में एक मजदूर ही आ सकता है।
फिल्म को और बेहतरीन ढंग से समझने के लिए अपने नजदीकी सिनेमाघरों में दस्तक दे। मनोरंजन न्यूज़ द्वारा मिशन रानीगंज को 4 स्टार दिया जाता है।