Laapata ladies Review: बिना कपूर और खान के फिल्म में दिखी जान, नए चेहरों ने खींचा ध्यान

Laapata ladies Review: आमिर खान प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित लापता लेडीज (Laapata ladies) ने सिनेमाघरों में हाजिरी लगा दी है, फिल्म की कहानी बेहद अनोखी और दिलचस्प है।
Laapata ladies Review: बिना कपूर और खान के फिल्म में दिखी जान, नए चेहरों ने खींचा ध्यान 42484

Laapata ladies Review: आमिर खान प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित लापता लेडीज (Laapata ladies) ने सिनेमाघरों में हाजिरी लगा दी है, फिल्म की कहानी बेहद अनोखी और दिलचस्प है। फिल्म की कहानी दुल्हन के बदल जाने से शुरू होती हैं, जो दर्शको को लगातार गुदगुदाती रहती है। दर्शको का समय बिना बर्बाद किए यह फिल्म मुद्दे पर आती है और दर्शको को पर्दे से जोड़े रखने में सफलता हासिल करती है। इस फिल्म में प्रमुख भूमिका में न कोई खान, न कोई कपूर है, मगर कलाकारो ने अपने अंदाज से किसी भी दर्शक को शिकायत का मौका नहीं दिया। इसके अलावा फिल्म मनोरंजन के साथ- साथ महिलाओं के लिए कई बड़ी सीख भी देती है।

शानदार निर्देशन

11 साल बाद निर्देशन की दुनिया में वापसी करने वाली किरण राव की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है। उन्होंने बेहद शानदार तरीके से इस फिल्म के निर्देशन का कार्यभार संभाला है। राव ने सारे किरदारों के साथ न्याय किया है।

कलाकारो की टोली

फिल्म के सारे पात्रों ने पूरी ईमादारी की है, जिसे देखने में गजब का मजा आता है। रवि किशन घुसखोर मजकिया दरोगा के किरदार में है, जिनकी दमदार अभिनय क्षमता ने हमें खूब लोटपोट किया है। इसके अलावा फिल्म के तीनों प्रमुख किरदार स्पर्श श्रीवास्तव, नितांशी गोयल और प्रतिभा रंता फिल्म उद्योग के लिए बिल्कुल नए है। लेकिन, उनके अद्भुत अभिनय जादू ने दर्शको को लुभाने में खूब कामयाबी हासिल की।

फिल्म की कहानी

फिल्म की कहानी, बेलपुर-कटारिया एक्सप्रेस से शुरू होती हैं, जिसमें 2 ऐसे जोड़े सवार रहते हैं जिनकी अभी-अभी शादी हुई है। दोनों दुल्हनों ने अपने चेहरे को बड़े से घूंघट से ढक रखा है, जिसके कारण दीपक (स्पर्श श्रीवास्तव) गलती से प्रदीप की पत्नी यानी जया (प्रतिभा रंता) को लेकर मूर्ति स्टेशन उतर जाता है। जबकि दीपक की असली पत्नी फूल (नितांशी गोयल) भटक कर अनजाने स्टेशन पर उतर जाती है। मजा तो तब आता है, जब दीपक अपनी शिकायत दरोगा श्याम मनोहर के पास लेकर जाता है और वह अपनी पत्नी के खो जाने का रपट लिखवाता है। वहीं जया दरोगा श्याम मनोहर और दीपक से अपनी पहचान छुपाते हुए उन्हें अपना गलत बनाती है। अब सवाल यह उठता है, कि जया ने ऐसा क्यों किया? बस इस सवाल के जवाब को जानने के लिए आपको सिनेमाघरों की ओर रुख करना होगा। मनोरंजन न्यूज ने इस फिल्म को 4 स्टार दिए है और ऐसी फिल्म के रिव्यू को पढ़ने के लिए जुड़े रहे मनोरंजन न्यूज के साथ।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।