Ganapath Movie Review: टाइगर श्रॉफ़ और कृति सेनन के एक्शन ने दर्शकों से बजवाई सीटियां

Ganapath Movie Review: टाइगर श्रॉफ़ और कृति सेनन स्टारर गणपत की समीक्षा पढ़िए।
Ganapath Movie Review: टाइगर श्रॉफ़ और कृति सेनन के एक्शन ने दर्शकों से बजवाई सीटियां 33298

Ganapath Movie Review: फ़िल्म की शुरुआत टाइगर श्रॉफ़ (Tiger Shroff) के रंगीन मीजाज से होती है, जहां उनके बिस्तर में हसीनाओं की टोली का बसेरा बना रहता है। टाइगर श्रॉफ़ ने गुड्डू के किरदार में ख़ुद को बेहद निराले तरीके से घोला है। हालांकि, गुड्डू को पता नहीं है, कि उसका जन्म एक नेक काम के लिए हुआ है। फ़िल्म में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bacchan) ने एक प्रमुख किरदार को अपना रूप दिया है, जिसका नाम दलपति रहता है।

फ़िल्म में शामिल एक्शन और ड्रामा

विकास बहल के निर्देशन में बनी ये फ़िल्म पूरी तरह से एक्शन से मिश्रित है, जिसमे नेशनल अवार्ड विनिंग एक्ट्रेस कृति सेनन (Kriti Sanon) के साथ टाइगर श्रॉफ और अमिताभ बच्चन शामिल है। फ़िल्म में लगातार बॉक्सिंग रिंग देखने को मिलता है, जो फ़िल्म का एक अभिन्न हिस्सा है। कृति ने अपने अभिनय को बेहद सरलता से सभीं के सामने पेश किया है। साथ ही डीवा ने बेहद बेहतरीन एक्शन भरे प्रदर्शन से सभी को सीटियाँ बजाने को मजबूर कर किया। फ़िल्म की कहानी थोड़ी लोगो को परेशान करती हुई नजर आई, लेकिन अद्भुत एक्शन सीन ने दर्शकों को मनोरंजन का स्वाद चखाना जारी रखा। महानायक का पोता यानी टाइगर (गुड्डू) को उन गरीब बस्ती वालों की मदद करने होगी, जिन्हें अमीर लोगो ने अपने दुनिया से बेदख़ल कर दिया है। किंतु, गुड्डू को बचपन में ही अपने माँ बाप से जुदा करके उसे जॉन के हाथ शौंप दिया जाता है। सालो बाद गुड्डू को कैज़ान (जॉन की बीवी) के साथ आपत्ती जनक हालत में पकड़ लिया जाता है और उन्हें सजा ए मौत सुनाई जाती है। परंतु, क़िस्मत का खेल और हर फ़िल्म का साधारण ड्रामा की मुख्य अभिनेता मर नहीं सकता, जिसके चलते गुड्डू बचकर गरीबों की बस्ती में पहुँच जाता है। कुल मिलाकर फ़िल्म में दमदार एक्शन देखने को मिलता है, जो सभी को पर्दे की ओर नजरे गड़ाए रखने पर मजबूर करती है।

फ़िल्म की कहानी

फ़िल्म की कहानी एक बड़े त्रासदी के बाद की दुनिया के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां गरीब और गरीब हो जाते है और अमीर और ज़्यादा अमीर हो जाता है। जिसके बाद धन से शक्तिशाली और लालची लोग ‘सिल्वर सिटी’ नाम से अपनी एक नई दुनिया को तैयार करते हैं। इस दुनिया में गरीबो को अंदर आना पूरी तरह से वर्जित रहता है। ग़रीबो की हालत दिन-प्रतिदिन और ख़राब होती जाती है, जिसके कारण वे छोटी-छोटी चीजों के लिए आपस में लड़ाई करने लगते है। बस इस लड़ाई को रोकने के लिए दलपति बॉक्सिंग रिंग का निर्माण करता है और उन्हें निर्देश देता है,कि लड़ाईयाँ सिर्फ़ और सिर्फ़ बॉक्सिंग रिंग में होगी।

मगर सिल्वर सिटी में रहने वाले लोगो को इस बात की भनक लग जाती है और वह गरीब बॉक्सर पार दाव लगाना शुरू करते है। इस सट्टेबाज़ी के चलते दालिनियो का धन और ज़्यादा बढ़ जाता है। जिसके बाद फिर से गरीब बस्ती वाले अपने बूरे दौर में चले जाते है।बाद में दलपति द्वारा भविष्यवाणी की जाती हैं, उसके बेटे का बेटा उन्हे आज़ादी दिलाएगा और उनकी यें ग़रीबी दुर करेगा। लेकिन, एक बुरी योजना के चलते दलपति के बेटे और बहू की मौत हो जाती है और उनसे पहले बूढ़ी उम्र के चलते दलपति अपनी आख़िरी सांस लेते है। अब गुड्डू से गणपत बनने के लिए टाइगर श्रॉफ को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है और इसी मेहनत के बीच फ़िल्म की पूरी कहानी है, जिसे समझने के लिए आप को अपने नाजीदिकी सिनेमाघरों में दस्तक देना होगा।

मनोरंजन न्यूज़ द्वारा फ़िल्म को 3 स्टार दिए जाते है और अधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए बने रहे हमारे साथ।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।