Fukrey 3 Review: वरूण शर्मा और पंकज त्रिपाठी ने खोला हंसी का पिटारा

Fukrey 3 Review: पढ़िए फुकरे 3 की रिव्यू।
Fukrey 3 Review: वरूण शर्मा और पंकज त्रिपाठी ने खोला हंसी का पिटारा 30379

Fukrey 3 Review: वरुण शर्मा (Varun Sharma), ऋचा चड्ढा (Richa Chadha), पुलकित सम्राट (Pulkit Samrat), मंजोत सिंह और पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) की शानदार टोली फिर से सिनेमाघरों में फुकरे 3 (Fukrey 3) के साथ आ गई हैं, जो अपने पहले अध्याय और दुसरे अध्याय को टक्कर देती हुई नजर आ रही है। गौरतलब हैं, कि 2013 में आईं फुकरे ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया था, जिसके बाद निर्देशक मृग सिंह लांबा ने इसके अलग-अलग अध्याय को दर्शकों को बीच पेश किया और अब फुकरे 3 की बारी है। हर पार्ट की तरह इस पार्ट में भी चूचा उर्फ वरूण शर्मा ने दर्शकों को लोट-पोट किया है। हालांकि, कॉमेडी के मामले में इस बार पंडित जी उर्फ पंकज त्रिपाठी ने भी उन्हें दमदार टक्कर दी है। जैसा कि आप सभी को पता हैं, कि पहले दो पार्ट में शानदार प्रदर्शन करने वाले अली फजल इस बार नहीं है और उनकी कमी इस पार्ट में बेहद खलती है। लेकिन, कई प्रतिभाओं के मालिक पंकज त्रिपाठी ने बेहद निराले अंदाज के साथ उनकी कमी को भरने की कोशिश करते हुए, सिनेमाघरों में हंसीं गुंजवाई है।

फुकरे 3 की कहानी

कहानी राजनितिक गलियारों के इर्द-गिर्द घूमती हैं, जहां भोली पंजाबन (ऋचा चड्ढा) इस बार जल संसाधन मंत्री बनने की दौड़ में शामिल रहती है। हालांकि, फुकरा गैंग उनके सामने नए प्रत्याशी को पेश करते है और वह कोई और नहीं बल्कि फिल्म की जान चूचा है। हंसी की गुंजाइश वहां से शुरू हो जाती हैं, जब भोली पंजाबन से निर्वाचन अधिकारी उसका असली नाम पुछते हैं, जिसके जवाब में वह माता-पिता द्वारा मिले असली नाम फूलकुमारी शेहगल को सार्वजनिक करती है। भोली उन्हें मुकाबले से बाहर करने के लिए दक्षिण अफ्रीका भेज देती हैं, जिसके चलते फुकरा गैंग को उनके नई शक्तियों के बारे में पता चलता है। ये नई शक्तियां उन्हें इंधन आपूर्ति करने में मददगार साबित होती हैं, जिसके बाद वे दिल्ली की जनता के लिए एक बड़ा कदम उठाते है।

दोनों अध्याय के आगे की कहानी

पहले और दुसरे किश्त को बेहद निराले अंदाज से समझाते हुए निर्देशक ने अपने तीसरी किश्त का स्वाद दर्शकों को चखाने में लगे हुए हैं, जिसमें चटपटी हंसी का मजा है। हालांकि, इस अध्याय में भोली पंजाबन के किरदार को थोड़ा कमजोर और बेबस दिखाया है‌। शायद उन्हें थोड़ी और जगह की जरूरत थी।

मनोरंजन न्यूज़ की ओर से फिल्म को 4 स्टार दिए जाते है। फिल्म ने पुरे सिनेमाघरों में हंसीं की गड़गड़ाहट से भूकंप ला दिया है। फिल्म को रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर के बैनर एक्सेल एंटरटेनमेंट के तहत निर्मित किया गया है। फिल्म को और बेहतरीन ढंग से समझने के लिए अपने नजदीकी सिनेमाघरों में दस्तक दे और मनोरंजन जगत की तमाम बड़ी खबरों को सबसे पहले पाने के लिए जुड़े रहे मनोरंजन न्यूज़ के साथ।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।