Chandu Champion Review: अब तक की सबसे बेहतरीन बायोपिक! कार्तिक आर्यन की एक्टिंग ने किया कमाल

Chandu Champion Movie Review: कार्तिक आर्यन ने ‘चंदू चैंपियन‘ को अब तक का सबसे शानदार बायोपिक बनाया है।
Auto Draft 48501

Chandu Champion Movie Review: बॉलीवुड के हैंडसम हंक कहे जाने वाले कार्तिक आर्यन की प्रदर्शन शक्ति बेहद लाजवाब है और एक नई बायोपिक ने इसका सबूत दिया है। जी हां! हम बात कर रहे हैं कार्तिक की बहुप्रीक्षित फिल्म ‘चंदू चैंपियन‘ की, जिसमें उन्होंने बेहद निराला प्रदर्शन किया है। फिल्म मुरलीकांत पेटकर के जीवन की कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनके सर पर बचपन से ही ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का जुनून सवार है। फिल्म में अभिनेता ने देश के पहले पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट की भूमिका निभाई है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है। अभिनेता ने इस किरदार के लिए खूब मेहनत की है और अपने गजब के ट्रांसफॉर्मेशन से सभी को दंग कर दिया है। फिल्म की कहानी बेहद शानदार है, जिसमें मुरली के जीवन की बड़ी-बड़ी चुनौतियों पर जोर दिया गया है।

फिल्म की कहानी

फिल्म की कहानी बूढ़े मुरली से शुरू होती हैं, जो राष्ट्रपति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन में जाता है। मुरली अपने लिए अर्जुन पुरस्कार चाहता है, जिससे उसके गांव की तरक्की हो जाए। पुलिस वाले को जब मुरली अपनी 40 साल पुरानी कहानी बताते हैं, तो सभी लोग हैरान हो जाते हैं। वह पुलिस स्टेशन में मौजूद सभी लोगो को अपने जुनून के बारे में बताते हैं, कि कैसे उन्होंने बेहद छोटी उम्र से ही ओलंपिक में गोल्ड मेडल का खिताब जीतने का मूड बना लिया था। मुरली दारा सिंह को अपना गुरु मानता है और वह पहलवानी करना शुरू करता है, मगर भाग्य उसे भौजी बनाता है, जहां से काहनी में नया मोड़ आता है। मुरली का मुकाम वहीं है, मगर अब उसने अब रास्ता बदल लिया है, क्योंकि वह अब मुक्केबाज के जरिए गोल्ड मेडल को अपने नाम करने की कोशिश में है। फिल्म बेहद लाजवाब तरीके से दर्शको को पर्दे से बांधे रखती है और हमें हमारे देश के पहले पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट के सारे पहलुओं की जानकारी देती है।

अभिनय क्षमता

फिल्म में कार्तिक आर्यन के साथ कई शानदार कलाकारों की टोली भी मौजूद है, जिसमें सबसे प्यारा किरदार मुझे विजयराज का लगा है। विजय ने इस फिल्म में कार्तिक के मुक्केबाज गुरु का किरदार अदा किया है, जहां उनकी नाम भूलने की आदत दर्शकों के ठहाके छुड़वाती है। वहीं बाकी के अन्य किरदारों ने भी मेहनत करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। जबकि पुलिस के किरदार में श्रेयस तलपड़े ने भी बेहतरीन काम किया है। अब अगर हमारे फिल्म के हीरो की बात करे, तो उन्होंने इस फिल्म के लिए काफी मेहनत किया है, जो फिल्म में साफ-साफ नजर आता है। कूल मिलाकर के सभी किरदारों ने अपने अंदाज से सभी को मज़ा दिलाया है।

कैसी है डायरेक्शन

2 घंटे 23 मिनट लंबी फिल्म दर्शको को लगातार बांधे रखती हैं, जिसका पूरा श्रेय फिल्म के डायरेक्टर कबीर खान को जाती है। निर्देशन क्षेत्र में अजब-गजब काम करने कबीर खान ने इस फिल्म को बेहद लाजवाब बनाया है। इसके अलावा फिल्म सिनेमैटोग्राफी भी बेहद कमाल की है।

फिल्म रेटिंग

फिल्म एक प्रेरणादायक कहानी से मुलाकात कराती है, जिसे देखकर आप अच्छा महसूस करेंगे। वहीं इस फिल्म को मनोरंजन न्यूज द्वारा 4 स्टार दिए जाते हैं और अगर आप कार्तिक आर्यन के फैन है, तो इसे आपको जरूर देखना चाहिए।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।