पल्लवी जोशी एक जानी-मानी निर्माता और अभिनेत्री हैं, जिन्होंने हमेशा दर्शकों के सामने दमदार और सोचने पर मजबूर करने वाली फिल्में पेश की हैं। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में वो उन गिनी-चुनी शख्सियतों में से हैं जो बिना किसी हिचक के अपनी बात कहने के लिए जानी जाती हैं। हाल ही में जब उनसे पूछा गया कि क्या ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव से थिएटरों का महत्व कम हो जाएगा, तो उन्होंने इस पर बेहद बेबाकी से जवाब दिया।
हाल ही में मराठी के एक पैनल डिस्कशन के दौरान पल्लवी जोशी से पूछा गया कि क्या डिजिटल दौर में दर्शकों की कम होती अटेंशन स्पैन की वजह से भविष्य में थिएटरों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है? इस पर पल्लवी जोशी ने बेहद दिलचस्प और गहरी बात कही। उन्होंने कहा, “समंदर को कभी डर नहीं लगता कि उसमें कितनी नदियां मिलने आ रही हैं। उसी तरह, भारतीय सिनेमा को कभी ओटीटी या 30 सेकंड की इंस्टाग्राम रील्स से छोटा नहीं किया जा सकता।” उन्होंने आगे कहा कि थिएटर में फिल्म देखने का जो अनुभव होता है, वो मोबाइल स्क्रीन पर कभी नहीं मिल सकता। “हम अगर बड़ी और दमदार कहानियों पर ध्यान देंगे, तो लोग खुद-ब-खुद थिएटर की ओर खिंचे चले आएंगे।”
इसके अलावा पल्लवी जोशी जल्द ही विवेक रंजन अग्निहोत्री के निर्देशन में बनने वाली फिल्म द दिल्ली फाइल्स: द बंगाल चैप्टर में नजर आएंगी। इस फिल्म को अभिषेक अग्रवाल और पल्लवी जोशी ने मिलकर प्रोड्यूस किया है। वहीं, इसे तेज नारायण अग्रवाल और आई एम बुद्धा प्रोडक्शन्स के बैनर तले प्रेज़ेंट किया जा रहा है।