बिग बॉस के घर में पिता महेश भट्ट के व्यवहार के बारे में पूजा भट्ट ने दी प्रतिक्रिया

Pooja Bhatt defends father Mahesh Bhatt’s behaviour inside BB house: पिता महेश भट्ट के बचाव में उतरी पूजा भट्ट, जाने पुरी हकीकत।
बिग बॉस के घर में पिता महेश भट्ट के व्यवहार के बारे में पूजा भट्ट ने दी प्रतिक्रिया 25135

Pooja Bhatt defends father Mahesh Bhatt’s behaviour inside BB house: लोकप्रिय रियलिटी शो बिग बॉस ओटीटी सीजन 2 के पांच फाइनलिस्टों में से घर छोड़ने वाली पहली प्रतियोगी पूजा भट्ट (Pooja Bhatt) थीं। अभिनेत्री ने News18 के साथ बातचीत के दौरान कई सारे दिलचस्प जानकारियो को साझा किया। अभिनेत्री ने बातचीत के दौरान कहां, कि उनके घर चार बिल्लियां हैं, जिनके साथ वह समय बिताना चाहती हैं और उन्होंने कहा कि वह उन्हें अपना ज़ेन मास्टर मानती है। वह कुछ समय अकेले रहने का आनंद भी लेना चाहती थीं क्योंकि वह बिग बॉस के घर में कई लोगों के साथ रह चुकी थीं। पूजा ने अपने फार्महाउस जाकर गांव वालों के साथ जश्न मनाने की भी योजना बनाई। वह अपने स्टाफ को भी धन्यवाद देना चाहती थीं, जिन्होंने शो में रहने के दौरान उनके घर का ख्याल रखा।

पूजा भट्ट ने घर के अंदर महेश भट्ट के व्यवहार के बारे में बात की

पूजा भट्ट के पिता महेश भट्ट इसी महीने शो में आए और प्रतिभागियों से मुलाकात की। कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया कि उन्होंने मनीषा रानी नाम की प्रतियोगी से कैसे बात की। पूजा ने अपने पिता का बचाव करते हुए कहा कि लोग चीजों को अपने तरीके से देखते हैं। उसे लगा कि अगर लोगों को उसके पिता का व्यवहार गलत लगता है तो शायद उनके मन में गलत विचार होंगे। उन्होंने बताया कि प्रतियोगी मनीषा रानी अपने पिता के साथ समय बिताना चाहती थीं और पूजा को उनके साथ ज्यादा समय नहीं मिला।

पूजा ने कहा कि घर में बिताए समय ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया। उसे एहसास हुआ कि हम मेकअप और फिल्टर जैसी चीजों के आदी हैं, लेकिन घर के अंदर, वह उन सभी चीजों से रहित थी। उसके पास टीवी, फोन और पर्याप्त भोजन भी नहीं था। वह 51 साल की हैं, लेकिन पूरे सीजन घर के अंदर रहकर उन्होंने दिखा दिया कि उम्र कोई मायने नहीं रखती। उन्होंने अन्य प्रतियोगियों के साथ अच्छे संबंध बनाए और यही उनकी सबसे बड़ी सफलता थी।

विशाल दुबे: पत्रकारिता की पढ़ाई में 3 साल यु गंवाया है, शब्दों से खेलने का हुनर हमने पाया है, जब- जब छिड़ी है जंग तब कलम ने बाजी मारी हैं, सालों के तर्जुबे के संग अब हमारी बारी है।