ज़ी टीवी का लोकप्रिय धारावाहिक कुंडली भाग्य अपने तड़के दार ड्रामा के चलते दर्शकों को मनोरंजीत करने में जुटा हुआ है। शो को बालाजी टेलीफिल्म्स के बैनर तले निर्मित किया गया है।
कहानी के अनुसार, शौर्य और सैंडी उस अखबार को देखते हैं जहां उसके अपमान की खबरें छप रही हैं। शौर्य निराश हो जाता है और सोचता है कि राजवीर से बदला कैसे लिया जाए।
सैंडी उसे अपने करीबी लोगों, यानी पालकी और प्रीता को चोट पहुंचाने का बुद्धि देता है। शौर्य ने राजवीर की मासी उर्फ प्रीता को चोट पहुंचाने का फैसला किया और उसके घर पहुंचता है। प्रीता का सरल स्वभाव उसका मन बदल देता है।
करण और राजवीर एक बिजनेस नीलामी में एक-दूसरे से टकराते हैं। राजवीर किसी भी तरह इस सौदे को जीतने का फैसला करता है और राजवीर सौदा जीत जाता है।
आगामी एपिसोड में, शौर्य अपने फैसले को बदलकर प्रीता को चोट पहुँचाने से मना कर देता है। शौर्य अपना घर छोड़ देता है।
बाद में, प्रीता शौर्य के बारे में सोचती है। वह अपनी भावनाओं को पड़ोसी के साथ साझा करती है।
प्रीता बताती है कि वह शौर्य के साथ एक मजबूत जुड़ाव महसूस करती है। और ऐसा लगता है जैसे वह उसका बेटा है। वह यह भी बताती है कि शौर्य को प्यार की जरूरत है और वह उसे देना चाहती है।